यहूदी पूजाघरों में बढ़ी सुरक्षा, सरकार से मिली सहायता और छाबड़ हाऊस के दोबारा खुलने से मुंबई में रहने वाले यहूदी एक बार फिर सुरक्षित महसूस करने लगे हैं।
इसके कारण एक ऐसी व्यवस्था आकार लेती है जिसमें आम नागरिक हाशिये पर धकेल दिया जाता है, जबकि कॉर्पोरेट घराने अपनी मनमर्ज़ी चलाते हैं और समतामूलक संवाद या सच्ची सार्वजनिक जवाबदेही के लिए कम गुंजाइश ही बच पाती है.
नयी दिल्ली, सात जनवरी (भाषा) दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना ने अनधिकृत कॉलोनियों में 150 गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों को नियमित करने को मंजूरी...