कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों से घर लौटने की अपील की और कहा कि सरकार सभी मुद्दों के समाधान के लिए वैज्ञानिकों, किसान संगठनों और अधिकारियों की समिति गठित करेगी.
राज्य और मधुबनी जिले की पुलिस के बारे में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अविनाश कुमार द्वारा प्रतिकूल टिप्पणी किये जाने के बाद दो पुलिस कर्मियों ने कथित रूप से उनपर हमला किया.
ज्योति यादव को भारत की बलात्कार संस्कृति पर एक लेख के लिए और हिना फ़ातिमा को फेमिनिस्ट इन इंडिया द्वारा प्रकाशित भारत में महिलाओं के लिए पहुंच से बाहर ऑनलाइन शिक्षा पर रिपोर्ट के लिए सम्मानित किया गया.
सिसोदिया ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने कोविड-19 के दौरान भी दिल्ली में मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखने के लिए 'कुशल' प्रबंधन किया और यहां महंगाई दर पांच महानगरों में सबसे कम रही
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन विवादास्पद कृषि कानूनों पर आखिरकार अपनी सरकार के कदम वापस खींच लिये और इन्हें निरस्त करने एवं एमएसपी से जुड़े मुद्दों पर विचार करने के लिए समिति बनाने की शुक्रवार को घोषणा की.
इन तीन कानूनों ने यह चिंता पैदा की कि इससे चुनिंदा फैसलों पर सरकार द्वारा दी गई न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी खत्म हो जाएगी और किसान बड़े उद्योगपतियों की दया पर छोड़ दिए जाएंगे.
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के फैसले की घोषणा करने के बाद राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र के लिए सरकार ने एक और महत्वपूर्ण फैसला किया है.
एसकेएम ने एक बयान में कहा, ‘संयुक्त किसान मोर्चा इस फैसले का स्वागत करता है. हम संसदीय प्रक्रिया के माध्यम से इस घोषणा के क्रियान्वयन की प्रतीक्षा करेंगे.’