इस साल की शुरुआत में दिप्रिंट ने कुछ लोगों से मुलाकात की थी, जिन्हें असम में 'विदेशी' के रूप में चिन्हित किया गया था. अंतिम एनआरसी सूची को ध्यान में रखते हुए दिप्रिंट उन तक एक बार फिर पहुंचा.
पाकिस्तान ने तीर्थयात्रियों को गुरुद्वारा करतारपुर साहिब जाने की अनुमति देने के लिए सेवा शुल्क लेने पर जोर दिया जिसे भारतीय अधिकारियों ने सिरे से खारिज़ कर दिया और कहा, यह समझौते की भावना के खिलाफ है.
मंगलदोई में, जहां कि 1978 में पहली बार एनआरसी में संशोधन की मांग उठी थी, शायद ही कोई परिवार नागरिकता साबित करने की इस प्रक्रिया में अविभाजित बच गया हो.
अनुच्छेद-370 को हटाए जाने को लेकर कुछ हलकों में गहरा असंतोष है, लेकिन चुनावों का बहिष्कार करने के बजाय इसने कश्मीरियों को मतदान करने के लिए प्रेरित किया है.