पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘लाठीचार्च में किसी विद्यार्थी को चोट नहीं पहुंची है, कुछ विद्यार्थियों को पकड़कर थाने लाया गया, लेकिन उन्हें जल्द ही छोड़ दिया गयाा.’
श्रीलंका में सत्ता परिवर्तन को सहजता से अंजाम दिया गया, जबकि बांग्लादेश में इसके विपरीत सत्तासीन नेता को देश छोड़ने पर मजबूर किया गया और ऐसे अ-राजनीतिक लोगों ने कमान थाम ली जो चुनाव जीतने के भी काबिल नहीं हैं.