मुंबई के किंग एडवर्ड मेमोरियल अस्पताल में पढ़ रही 24 वर्षीय अनुसूचित जाति छात्र सुगत पडगान ने अपने साथी छात्रों पर उसे परेशान करने और अधिकारियों पर कुछ न करने का आरोप लगाया है.
इसमें कोई संदेह नहीं है कि खामेनेई इस तरह के भ्रामक ट्वीट के जरिए कुछ मुस्लिम समुदायों के साथ कम समय में राजनीतिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं, यह एक ऐसा खेल है जिसमें वे नए नहीं हैं.