रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध आरंभ होने के बाद मोदी और पुतिन के बीच यह तीसरी वार्ता होगी जबकि जेलेंस्की से उनकी दूसरी बार बात की है. इससे पहले, जेलेंस्की और मोदी ने 26 जनवरी को फोन पर बातचीत की थी.
भाजपा के पास संसाधनों की भरमार है और वह जीतने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है. कांग्रेस को अपने सामने आने वाली चुनौतियों को पहचानने और समझने की ज़रूरत है कि केवल इंडिया गठबंधन ही इस चुनौती का सामना कर सकता है.