अब तक भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच व्यापार का एक बड़ा हिस्सा ऊर्जा क्षेत्र पर केंद्रित रहा है, और एफटीए से अन्य वस्तुओं और सेवाओं के मामले में व्यापार का दायरा और व्यापक होने की उम्मीद है.
डिजिटल संप्रभुता सिर्फ सरकारी क्लाउड सिस्टम तक सीमित नहीं रह सकती. इसे नेटवर्किंग, सीडीएन, एआई और सुरक्षा की उन परतों तक फैलना होगा, जो पूरी अर्थव्यवस्था में गहराई तक फैली हुई हैं.