उन्होंने कहा कि बजट के मूलभूत सिद्धांत में वित्तीय विवरण तथा राजकोषीय स्थिति की पारदर्शिता शामिल है. इसमें सरकार के इरादे, शक्ति और चुनौतियों को दर्शाया गया है.
उम्मीद की जा रही थी सरकार आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत मिलने वाली छूट की सीमा बढ़ा सकती है. इसके तहत भविष्य निधि, एलआईसी प्रीमियम, इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम, होम लोन की मूल राशि के भुगतान जैसे निवेश पर लोगों को आयकर में छूट मिलती है.
हाल ही में ईएसी-पीएम के वर्किंग पेपर से पता चला है कि देश के जीडीपी में योगदान के मामले में दक्षिणी राज्यों ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है. नई दिल्ली से रियायतों और नीतिगत समर्थन के इतिहास ने इसमें अहम भूमिका निभाई है.