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Friday, 20 December, 2024
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सबसे ताकतवर होने के बावजूद सबसे कमज़ोर क्यों हो गया है RSS

RSS चाहे चिर विद्रोही की भूमिका में रहा हो या सत्ता में, वह ‘अब्राहमवादी’ या साफ कहें तो मुस्लिम दुविधा से अभी तक उबर नहीं पाया है. क्या इस मामले में वह प्रगति कर सकता है? हम सरसंघचालक के अगले उद्बोधन या इंटरव्यू का इंतज़ार करेंगे.

इलाके के ‘दादा’ चीन का ध्यान कहीं और है, पाकिस्तान संकट में है, मोदी के लिए फायदा उठाने का यही मौका है

इस मौके का फायदा उठाकर भारत को खुद को बदलने की शुरुआत करनी है, जो वह रूसी फौजी सप्लाइ पर निर्भरता से उभरने वाले खतरों को दूर करके कर सकता है.

इंडियन एक्सप्रेस और दूरदर्शन से लेकर एनडीटीवी तक; प्रणय और राधिका रॉय के साथ मेरे अनुभव

न्यूज़रूम की गरिमा बनाए रखने, तथ्यों के प्रति सम्मान बरतने और खबर को उसकी मूल अहमियत से ज्यादा न उछालने में कामयाबी से बड़ा संतोषप्रद शायद ही कुछ हो सकता है. इसी संतोष के साथ रॉय दंपती एनडीटीवी को नये हाथों में सौंपकर इससे विदाई ले सकता है.

कांग्रेस को ‘जोड़ने’ के लिए राहुल तय करें कि क्या वे सत्ता को सचमुच जहर मानते हैं?

उनकी पार्टी के नेता सत्ता चाहते हैं, जिसे राहुल जहर बता चुके हैं लेकिन अगर उन्होंने अपना विचार बदल लिया है तो उनकी पार्टी को यह नहीं मालूम. अगर राहुल प्रत्यक्ष सत्ता नहीं चाहते, तो यह उन्हें साफ कहना होगा और वे अपनी पार्टी से यह मांग नहीं कर सकते.

तवांग झड़प और एम्स साइबर अटैक बताते हैं कि चीन हमारी जमीन नहीं बल्कि हमारे दिमाग पर कब्जा करना चाहता है

चीन की किसी कार्रवाई, उसके बाद तनाव कम करने के उसके तरीके, किसी से यह संकेत नहीं मिलता कि वह जमीन कब्जा करने के फेर में है. दरअसल वह जिस जमीन कर कब्जा करना चाहता है वह है हमारे सोच की जमीन

भले ही मोदी हिंदुत्व और राष्ट्रवाद की विचारधारा पर कायम हों, पर स्थानीय राजनीति के सामने यह कमजोर पड़ जाता है

हिमाचल प्रदेश में मोदी का चेहरा नहीं चला और राष्ट्रवाद-हिंदुत्ववाद भी मुद्दे नहीं बन पाए इसलिए वह एक सामान्य चुनाव बन गया, वहां 2014 से ऐसा ही चल रहा है

गुजरात गैंबल—इस चुनाव में राहुल गांधी के मोदी को टक्कर न देने के पीछे की क्या हो सकती है वजह

मैं इस विचार से सहमत नहीं हूं कि राहुल गाधी अपनी सारी ऊर्जा 2024 के लिए बचाकर रखना चाहते हैं. ज्यादा मुमकिन है, कांग्रेस ऐसा मान रही हो कि गुजरात जहां बेहद चुनौतीपूर्ण है, वहीं गुजरात के आकार के ही एक अन्य राज्य कर्नाटक में जीत के आसार ज्यादा प्रबल होंगे.

जी-20 की मेजबानी भारत को कैसे एक नई रणनीतिक जगह और 2024 चुनाव से पहले मोदी को नया मंच दे सकती है

भारत के आर्थिक व रणनीतिक हितों में संतुलन बनाकर, रूस और अमेरिका के साथ रिश्ता निभाते हुए और चीन को अपने ऊपर हावी न होने देकर मोदी कुशलता से आगे बढ़ते रहे हैं. अब जी-20 की अध्यक्षता के एक साल का बेशक वे भारत के फायदे के लिए उपयोग करेंगे.

क्यों फौज जमीन पर कब्जा जमाने से ज्यादा राजनीतिक मकसद पूरा करने का जरिया है

पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल एम.एम. नरवणे कहते हैं कि किसी भी युद्ध का अंतिम लक्ष्य जमीन पर अपना नियंत्रण कायम करना ही होता है, लेकिन सबसे अहम है राजनीति.

इमरान को ‘इम द डिम’ न समझें, बिंदास इमरान ही पाकिस्तानी हुकूमत को चुनौती दे सकते हैं

हममें से हर एक ने पाया है कि इमरान ख़ान एक अनूठी शख्सियत हैं, इस उपमहादेश के आम क्रिकेट सितारों से अलग. उनमें लापरवाही की हद तक जोखिम मोल लेने का जज्बा रहा है

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हरियाणा की राजनीति के दिग्गज रहे ओम प्रकाश चौटाला का विवादों से रहा लंबा नाता

(फाइल फोटो के साथ) चंडीगढ़, 20 दिसंबर (भाषा) ओम प्रकाश चौटाला भारतीय राजनीति में एक कद्दावर शख्सियत और जाट समुदाय के एक प्रमुख...

लास्ट लाफ

सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गए दिन के सर्वश्रेष्ठ कार्टून.