हथियारों से लैस भीड़ सीमावर्ती पुलिस थाने पर हमला बोल देती है, गिरफ्तार संदिग्ध शख्स को रिहा कर दिया जाता है, और सरकार ‘खेद’ जाहिर करके रह जाती है, इसके बाद भी आप सोचते हैं कि इस सबका का कोई नतीजा सामने नहीं आएगा, तो आप बड़े नादान हैं.
इस तरह की परिस्थिति में राजनीतिक सत्तातंत्र अगर यह फैसला करता है कि एक कॉर्पोरेट और बाज़ार आपस में निबट लें तो यह माना जाएगा कि भारत में पूंजीवाद समझदार हो गया है.
हिंदुत्ववाद के अधिकतर लक्ष्य हासिल कर लिए गए हैं. अब मोदी और उनकी पार्टी को 2024 की गर्मियों तक तो समाज में अमन-चैन चाहिए ही. इसलिए मुसलमानों की ओर हाथ बढ़ाने की बातें हो रही हैं.
कोई भी कदम जो पाकिस्तान को दम मारने की फुरसत देगा और उसकी रणनीतिक प्रासंगिकता बहाल करेगा वह भारत के लिए नकारात्मक होगा, और वह पाकिस्तान के लिए भी बुरा होगा.
RSS चाहे चिर विद्रोही की भूमिका में रहा हो या सत्ता में, वह ‘अब्राहमवादी’ या साफ कहें तो मुस्लिम दुविधा से अभी तक उबर नहीं पाया है. क्या इस मामले में वह प्रगति कर सकता है? हम सरसंघचालक के अगले उद्बोधन या इंटरव्यू का इंतज़ार करेंगे.
न्यूज़रूम की गरिमा बनाए रखने, तथ्यों के प्रति सम्मान बरतने और खबर को उसकी मूल अहमियत से ज्यादा न उछालने में कामयाबी से बड़ा संतोषप्रद शायद ही कुछ हो सकता है. इसी संतोष के साथ रॉय दंपती एनडीटीवी को नये हाथों में सौंपकर इससे विदाई ले सकता है.
उनकी पार्टी के नेता सत्ता चाहते हैं, जिसे राहुल जहर बता चुके हैं लेकिन अगर उन्होंने अपना विचार बदल लिया है तो उनकी पार्टी को यह नहीं मालूम. अगर राहुल प्रत्यक्ष सत्ता नहीं चाहते, तो यह उन्हें साफ कहना होगा और वे अपनी पार्टी से यह मांग नहीं कर सकते.
चीन की किसी कार्रवाई, उसके बाद तनाव कम करने के उसके तरीके, किसी से यह संकेत नहीं मिलता कि वह जमीन कब्जा करने के फेर में है. दरअसल वह जिस जमीन कर कब्जा करना चाहता है वह है हमारे सोच की जमीन
हिमाचल प्रदेश में मोदी का चेहरा नहीं चला और राष्ट्रवाद-हिंदुत्ववाद भी मुद्दे नहीं बन पाए इसलिए वह एक सामान्य चुनाव बन गया, वहां 2014 से ऐसा ही चल रहा है
इस नई दुनिया में ‘पॉपुलिज़्म’ वाम, दक्षिण, मध्य, सभी मार्गों को ध्वस्त कर रहा है. बेशक हर एक देश, मतदाता समूह, और समाज के लिए यह अलग-अलग रूप में उभर रहा है, इसका आकर्षण और इसकी सफलता इसके प्रयोग में निहित है. यह आपके दिल या दिमाग पर ज्यादा बोझ नहीं डालता.