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Thursday, 19 December, 2024
होमBud History‘1500 से 7 लाख तक का सफर’, वित्तमंत्री की घोषणा के बाद मध्यमवर्ग में खुशी, 7 लाख तक आय पर टैक्स नहीं

‘1500 से 7 लाख तक का सफर’, वित्तमंत्री की घोषणा के बाद मध्यमवर्ग में खुशी, 7 लाख तक आय पर टैक्स नहीं

वित्तमंत्री ने अपने अभिभाषण में कहा, ‘सरकार साल 2014 से ही सभी नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत है. लोगों की आय दोगुनी बढ़कर 1.97 लाख रुपये हो गई है.'

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नई दिल्ली: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2023 में मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दी है. अब 7 लाख तक आय वालों को कोई टैक्स नहीं देना होगा. वित्तमंत्री की घोषणा के बाद से मध्यम वर्ग के लोगों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई. इससे पहले 5 लाख तक की आय वालों को कोई टैक्स नहीं देना पड़ता था. लेकिन इस साल वित्तमंंत्री ने नई कर व्यवस्था की घोषणा की. बता दूं कि अंतिम बार टैक्स नियमों में साल 2014 में बदलाव किया गया था.

पिछले कई सालों से था इंतजार

बीते कई सालों से देश के मध्यम वर्ग को टैक्स में छूट का इंतजार था. कोरोना महामारी के बाद लोगों की आय में कमी होने के काण यह मांग और बढ़ गई थी. आखिरी बार साल 2104 में टैक्स में परिवर्तन किया था उसके बाद से ही टैक्स में परिवर्तन नहीं किया गया था. लेकिन इस साल वित्त मंत्री ने नई कर व्यवस्था की घोषणा की. अब 0 से तीन लाख पर 0 फीसदी, 3 से 6 लाख पर 5 फीसदी, 6 से 9 लाख पर 10 फीसदी, 9 से 12 लाख पर 15 फीसदी, 12 से 15 लाख पर 20 फीसदी, 15 से ज्यादा लाख पर 30 फीसदी टैक्स देना होगा.

वित्तमंत्री ने अपने अभिभाषण में कहा, ‘सरकार साल 2014 से ही सभी नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत है. लोगों की आय दोगुनी बढ़कर 1.97 लाख रुपये हो गई है, साथ ही इस दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था का ग्रोथ भी तेजी से बढ़कर 10वें स्थान से 5वें स्थान पर पहुंच गई है.’

उन्होंने कहा, ‘यह मध्यम वर्ग के लिए काफी महत्वपूर्ण है. इसका इंतजार देश की अधिकतर आबादी कर रही थी.’

1500 रुपए पर देना होता था टैक्स

एक वक्त ऐसा भी था कि 1500 रुपए पर भी टैक्स देना पड़ता था. स्वतंत्र भारत के पहले बजट में इनकम टैक्स 1500 रुपये से ही शुरू थी. 1500 से लेकर 5000 तक की सालाना पर उस वक्त 4.69 फीसदी की टैक्स लगता था. वहीं 5000 से लेकर 10000 तक 10.94 फीसदी टैक्स लगाया गया था.

वहीं आजादी के बाद 10000 से 15000 तक के आय वालों को 21.88 प्रतिशत टैक्स का प्रावधान किया गया था.


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