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Thursday, 19 December, 2024
होमBudgetबजट 2023 पेश होने से पहले 26 जनवरी को होगी ‘हलवा रस्म’ और वित्त मंत्रालय के कर्मचारी होंगे ‘लॉक-इन’

बजट 2023 पेश होने से पहले 26 जनवरी को होगी ‘हलवा रस्म’ और वित्त मंत्रालय के कर्मचारी होंगे ‘लॉक-इन’

केंद्रीय बजट 2023 पेश होने से पहले, इस सालाना सेरेमनी के तहत, वित्त मंत्री हलवा तैयार करेंगी और बजट पर उनकी कड़ी मेहनत की सराहना करते हुए सहयोगियों को इसे परोसा जाता है.

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नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की मौजूदगी में हर साल केंद्रीय बजट पेश होने से पहले होने वाली सालाना रस्म “हलवा सेरेमनी” 26 जनवरी को की जाएगी. उनके विभाग ने बुधवार को यह जानकारी दी.

वित्त मंत्रालय ने ट्वीट किया, “केंद्रीय बजट 2023-24 के लिए बजट तैयार करने की प्रक्रिया के अंतिम चरण के तहत हलवा सेरेमनी गुरुवार को केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतरमण की उपस्थिति में नॉर्थ ब्लॉक में स्थित बजट प्रेस में आयोजित किया जाएगा.”

इस सेरेमनी के बाद, “लॉक-इन” अवधि शुरू होगी, जिसके तहत वित्त मंत्रालय के कर्मचारी नॉर्थ ब्लॉक में मुख्यालय में स्थित बजट प्रेस में तब तक रहेंगे, जब तक कि एक फरवरी को मंत्री अपना बजट भाषण पूरा नहीं कर लेंगी.

इस सेरेमनी को बजट पर काम करने वालों के लिए मंत्री द्वारा सराहना का संकेत माना जाता है. वित्त मंत्री आमतौर पर अपने सहयोगियों को परोसने से पहले “हलवे” की एक बड़ी कड़ाही हिलाती हैं और फिर सभी कर्मचारी प्रेस के भीतर चले जाते हैं, जिसका उपयोग 1980 से 2020 तक 40 वर्षों तक बजट दस्तावेज़ को प्रिंट करने के लिए किया गया.

पहले, “लॉक-इन” अवधि की सीमा लंबी होती थी और अधिकारी कईं दिनों तक बाहरी दुनिया के संपर्क में नहीं रहते थे.

हालांकि, 2021 से बजट पूरी तरह से डिजिटली पेश किया गया है, और लॉक-इन अवधि घट गई है.

वित्त मंत्रालय ने आगे ट्वीट किया, “पिछले दो केंद्रीय बजटों की तरह, केंद्रीय बजट 2023-24 भी पेपरलेस पेश किया जाएगा. केंद्रीय बजट 2023-24 को एक फरवरी, 2023 को पेश किया जाना है.”

1 फरवरी, 2023 को संसद में वित्त मंत्री द्वारा बजट भाषण पूरा होने के बाद बजट दस्तावेज़ एंड्रॉइड और ऐप्पल ओएस दोनों प्लेटफॉर्म पर ‘यूनियन बजट मोबाइल ऐप’ पर उपलब्ध होंगे.

पिछले साल, महामारी के कारण “हलवा सेरेमनी” नहीं की गई थी, और नॉर्थ ब्लॉक में इसके बजाय मुख्य कर्मचारियों के घरों में मिठाई पहुंचाई गई थी.

हालांकि, नरेंद्र मोदी सरकार ने बजट के कई पारंपरिक पहलुओं को खत्म कर दिया है – जैसे कि रेल बजट को मुख्य बजट के साथ विलय करना, बजट पेश होने की तारीख को उस महीने की आखिरी तारीख के बजाय 1 फरवरी तक आगे बढ़ाना और डिजिटल तरीके से आगे बढ़ना- केवल “हलवा सेरेमनी” गर्व से एक परंपरा बनी हुई है जो बची हुई है.

(संपादनः फाल्गुनी शर्मा)

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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