आरएसएस इंदिरा गांधी की सरकार को किसी भी तरह गिराना चाहता था, लेकिन बाद में उसी “तानाशाह” इंदिरा गांधी से मेल-मुलाकात करने और तारीफें करने में उसे कोई नैतिक दुविधा नहीं हुई, जिन्होंने संघ के नेताओं को जेल में डाला था.
यह बात सामने आई है कि इस विषय को पहली बार आधिकारिक रूप से जून में केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन की मणिपुर यात्रा के दौरान उठाया गया था. हालांकि, अभी तक इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.