ऑपरेशन सिंदूर के बाद पीएम मोदी ने फिर से अपनी ताकत दिखा दी है, लेकिन एक बात का अफसोस उन्हें जरूर होगा – उन्होंने अपनी ही पार्टी के नेताओं को हमारी सेना का अपमान करने दिया. क्या राजनीति इतनी ज़रूरी थी?
पचमढ़ी का यह राजभवन 1887 में बना था. करीब 22.84 एकड़ में फैले इस परिसर को पहले किसी जागीरदार की संपत्ति के तौर पर जाना जाता था. बाद में इसे अंग्रेज़ों ने अधिग्रहित कर “गवर्नमेंट हाउस” बना दिया.