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Tuesday, 7 January, 2025

भाषा

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मत-विमत

भारतीय कॉर्पोरेट घरानों और उपभोक्ताओं के बीच शक्ति असंतुलन बढ़ता जा रहा है

इसके कारण एक ऐसी व्यवस्था आकार लेती है जिसमें आम नागरिक हाशिये पर धकेल दिया जाता है, जबकि कॉर्पोरेट घराने अपनी मनमर्ज़ी चलाते हैं और समतामूलक संवाद या सच्ची सार्वजनिक जवाबदेही के लिए कम गुंजाइश ही बच पाती है.

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मुंबई महानगर क्षेत्र के लिए केबल कार परियोजना को केंद्रीय मंत्री की सैद्धांतिक मंजूरी मिली: सरनाईक

ठाणे, सात जनवरी (भाषा) महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने मंगलवार को कहा कि मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में प्रस्तावित ‘केबल कार’...

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सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

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