अगर भागवत का समावेशिता का आह्वान वास्तविक है, तो उन्हें अपने वैचारिक पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर विघटनकारी तत्वों के खिलाफ निर्णायक रूप से कार्रवाई करनी चाहिए.
जबकि पिछले कुछ साल में ग्रोस एफडीआई का फ्लो स्थिर रहा है, विदेशी फर्मों द्वारा पैसा न लगाने और विनिवेश में वृद्धि हुई है और तो और भारतीय कंपनियां भी विदेशों में बहुत अधिक निवेश कर रही हैं.