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Wednesday, 8 January, 2025

भाषा

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मत-विमत

भारतीय कॉर्पोरेट घरानों और उपभोक्ताओं के बीच शक्ति असंतुलन बढ़ता जा रहा है

इसके कारण एक ऐसी व्यवस्था आकार लेती है जिसमें आम नागरिक हाशिये पर धकेल दिया जाता है, जबकि कॉर्पोरेट घराने अपनी मनमर्ज़ी चलाते हैं और समतामूलक संवाद या सच्ची सार्वजनिक जवाबदेही के लिए कम गुंजाइश ही बच पाती है.

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महाकुंभ: श्रद्धालुओं को बेहतर परिवहन सेवा मुहैया कराने के लिए उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने किए प्रबंध

लखनऊ, सात जनवरी (भाषा) प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधाजनक परिवहन सेवाएं मुहैया कराने के लिए उत्तर प्रदेश...

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सुप्रीम कोर्ट का सही फैसला और बिलकिस बानो की जीत

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