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Thursday, 19 December, 2024
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युवाओं को फ्रैंडशिप डे तो याद रहता है, एनसीसी डे भी उतना ही : पीएम मोदी

आयोध्य भूमि विवाद पर आए फ़ैसले पर पीएम मोदी ने कहा कि फैसला के बाद तो 130 करोड़ भारतीयों ने फिर ये साबित कर दिया कि देशहित सर्वोपरि हैं.

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नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने इस बार अपने ‘मन की बात’ की शुरुआत ‘एनसीसी डे’ के ज़िक्र से शुरू किया. इन दौरान उन्होंने कहा कि कि सब जानते हैं कि नवंबर महीने का चौथा रविवार हर साल ‘एनसीसी जे’ के रूप में मनाया जाता है.

पीएम मोदी ने कहा, ‘आमतौर पर हमारी युवा पीढ़ी को फ्रेंडशिप डे बराबर याद रहता है. लेकिन बहुत लोग हैं जिनको एनसीसी डे भी उतना ही याद रहता है. मैं एनसीसी के सभी पूर्व और मौजूदा कैडट को एनसीसी डे की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं.’

उन्होंने एनसीसी यानी नेशनल कैडेट कॉर्प्स के बारे में बताता हुए कहा कि ये दुनिया के सबसे बड़े यूनिफॉर्मड यूथ ऑर्गेनाइज़ेशन में से एक है. यह एक ट्राई-सर्विस ऑर्गनाइज़ेशन है जिसमें सेना, नौ-सेना, वायुसेना तीनों ही शामिल हैं.

उन्होंने कहा, ‘मेरा भी सौभाग्य रहा कि मैं भी बचपन में मेरे गाँव के स्कूल में एनसीसी रहा. इसकी वजह से मुझे ये अनुशासन, ये वर्दी मालूम है और उसके कारण आत्मविश्वास का स्तर भी बढ़ता है. ये सारी चीज़ें बचपन में मुझे एक एनसीसी कैडेट के रूप में अनुभव करने को मिली.’

उन्होंने ये भी कहा कि 7 दिसम्बर को आर्म्ड फ़ोर्स फ्लैग डे मनाया जाता है. ये वो दिन है जब देश अपने वीर सैनिकों को, उनके पराक्रम को, उनके बलिदान को याद तो करता ही हैं लेकिन योगदान भी करता है. इस अवसर पर उन्होंने सैन्य बलों के अदम्य साहस, शौर्य और समर्पण भाव के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करें और वीर सैनिको का स्मरण करने की भी अपील की.

पीएम ने फिट इंडिया मूवमेंट के बारे में याद दिलाते हुए कहा कि सीबीएसई ने एक सराहनीय पहल की है. इसके द्वारा फिट इंडिया सप्ताह की शुरुआत की गई है. इस सप्ताह में विद्यार्थियों के साथ-साथ उनके शिक्षक और माता-पिता भी भाग ले सकते हैं.

उन्होंने कहा, ‘मैं अनुरोध करता हूं कि सभी स्कूल फ़िट इंडिया रैंकिंग में शामिल हों और फ़िट इंडिया एक सहज स्वभाव बने, एक जनांदोलन बने, जागरूकता आए. इसके लिए प्रयास करना चाहिए.’ पीएम ने कुछ दिनों पहल माई-गॉव ट्वीटर हैंडल पर एक कमेंट का भी ज़िक्र किया.

उन्होंने कहा, ‘कुछ दिन पहले @mygovindia पर एक कमेंट पर मेरी नजर पड़ी. असम के नौगांव के रमेश शर्मा ने लिखा कि ब्रहमपुत्र नदी पर चार से 16 नवंबर को ब्रहमपुत्र पुष्कर नाम का एक उत्सव था पर इसकी कोई व्यापक चर्चा नहीं होती है, प्रचार नहीं होता है.’ पीएम ने कहा कि वो रमेश की पीड़ा समझ सकते हैं.

उन्होंने आगे कहा कि कुम्भ की तरह ही ये उत्सव भी राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देता है और एक भारत श्रेष्ठ भारत के दर्शन कराता है. इस साल यह ब्रह्मपुत्र नदी पर आयोजित हुआ और आने वाले साल तुंगभद्रा नदी आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में आयोजित होगा.

आयोध्य भूमि विवाद पर आए फ़ैसले पर देश की प्रतिक्रिया की तारीफ़ में उन्होंने कहा कि अयोध्या मामले पर 9 नवम्बर को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया, तो 130 करोड़ भारतीयों ने फिर ये साबित कर दिया कि उनके लिए देशहित से बढ़कर कुछ नहीं है. देश में, शांति, एकता और सदभावना के मूल्य सर्वोपरि हैं.

छात्रों को प्रोत्साहन देते हुए उन्होंने कहा, ‘मेरे युवा-साथी परीक्षाओं के समय हंसते-खिलखिलाते दिखें, परिजन तनाव मुक्त, शिक्षक आश्वस्त हों, इसी उद्देश्य को लेकर हम मन की बात के अलावा टाउन हॉल से परीक्षा पर चर्चा और एक्ज़ाम वरियर किताब के जरिए लगातार प्रयास कर रहें हैं.’

पीएम ने भारत की विविधता की तारीफ़ करते हुए इसकी चिंता जताई कि देश में मौजूद भाषाएं बोलियां ख़त्म मत हो जाएं. उन्होंने कहा, ‘हमारी भारत भूमि पर सैकड़ों भाषाएं सदियों से पुष्पित पल्लवित होती रही हैं. हालांकि, हमें इस बात की भी चिंता होती है कि कहीं भाषाएं, बोलियां ख़त्म तो नहीं हो जाए.’

इसके बाद उन्होंने पिछले दिनों उत्तराखंड के धारचुला की कहानी पढ़ने की बात बताते हुए कहा कि इससे उन्हें काफी संतोष मिला. उन्होंने जानकारी देते हुए कहा, ‘पिथौरागढ़ के धारचूला में, रंग समुदाय के काफ़ी लोग रहते हैं, इनकी, आपसी बोल-चाल की भाषा रगलो है.’

उन्होंने ये भी बताया कि इस समुदाय के लोगों की संख्या, गिनती भर की है. लेकिन अपनी भाषा को बचाने के लिए हर कोई जुट गया, चाहे, चौरासी साल के बुजुर्ग दीवान सिंह हों या बाईस वर्ष की युवा वैशाली गर्ब्याल प्रोफ़ेसर हों या व्यापारी, हर कोई, हर सम्भव कोशिश में लग गया.

इसका संदर्भ बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने 2019 को ‘इंटरनेशनल ईयर ऑफ इंडिजेनस लैंग्वेज’ घोषित किया है. इसके बाद उन्होंने प्लास्टिक मुक्ति के कैंपेन की याद दिलाते हुए कहा, ‘हम भी सिर्फ अपने आस-पास के इलाक़े को प्लास्टिक के कचरे से मुक्त करने का संकल्प कर लें तो फिर ‘प्लास्टिक मुक्त भारत’ पूरी दुनिया के लिए एक नई मिसाल पेश कर सकता है.’

पीएम मोदी ने कहा, ’26 नवम्बर को हम ‘संविधान दिवस’ के रूप में मनाते हैं. इस बार संविधान को अपनाने के 70 वर्ष पूरे हो रहे हैं. इस बार इस अवसर पर पार्लियामेंट में विशेष आयोजन होगा और फिर साल भर पूरे देशभर में अलग-अलग कार्यक्रम होंगे.’

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