नई दिल्ली : प्रदूषण को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अब बयान आया है. बुधवार को उन्होंंने केंद्रीय कृषि मंत्रालय को निर्देश दिया कि वह पराली जलाने से रोकने के लिए उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के किसानों को मशीनें देने को प्राथमिकता दें.
मोदी का यह बयान उच्चतम न्यायालय द्वारा दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रदूषण को नियंत्रित करने में नाकाम रहने पर अधिकारियों को फटकार लगाए जाने के एक दिन बाद आया है.
खेतों से पराली हटाने वाली मशीनें बाजार में उपलब्ध हैं, जिन्हें खरीदने के लिए हरियाणा और पंजाब सरकार किसानों को सब्सिडी दे रही हैं.
प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री ने यह निर्देश मल्टीमीडिया मंच ‘प्रगति’ की बैठक में दिया. मंगलवार को मोदी को प्रदूषण की स्थिति से अवगत कराया गया था.
प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी के मिश्रा और कैबिनेट सचिव राजीव गौबा नियमित आधार पर प्रदूषण की स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं.
बयान में कहा गया है, ‘प्रधानमंत्री ने पराली जलाने के मुद्दे पर कृषि मंत्रालय को उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा के किसानों को ऐसा करने से रोकने के लिए उपकरण उपलब्ध कराने को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया.’ उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि यह करोड़ों लोगों के जीवन और मृत्यु का सवाल है, लेकिन यह ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’ है कि अधिकारियों को गरीबों की कोई चिंता नहीं है, उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया गया है.
प्रगति की बैठक में बुधवार को 16 राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्र जम्मू कश्मीर से संबंधित 61,000 करोड़ रुपये की नौ परियोजनाओं की समीक्षा की गई.
आकांक्षी जिला कार्यक्रम की प्रगति की समीक्षा के दौरान मोदी को 49 कामकाजी संकेतक पर आधारित डैशबोर्ड के बारे में जानकारी दी गई.
मोदी ने इसे राष्ट्रीय सेवा का कार्य बताया और आदिवासी बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल पर ध्यान केन्द्रित करने के महत्व को रेखांकित किया.
उन्होंने पिछड़े जिलों को राष्ट्रीय औसत तक लाने की समयसीमा निर्धारित करने की जरूरत पर और ऐसे जिलों में युवा अधिकारियों की तैनाती पर भी जोर दिया.
प्रधानमंत्री को राष्ट्रीय कृषि बाजार मंच की प्रगति से अवगत कराया गया.
बयान में कहा गया ई-भुगतान अब सीधे किसानों के खातों में किया जा रहा है. जम्मू-कश्मीर में दो एकीकृत ई-मंडियों के विकास की प्रगति की भी समीक्षा की गई.
मोदी ने ढांचागत संपर्क परियोजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की, जिसमें कटरा-बनिहाल रेलवे लाइन भी शामिल है. उन्होंने परियोजना को अगले साल तक पूरा करने के स्पष्ट निर्देश दिए.
पूर्वोत्तर की कई परियोजनाओं जैसे आइजोल-तुईपांग राजमार्ग परियोजना के चौड़ीकरण और उन्नयन पर भी चर्चा की गई.