लखनऊ : यूपी में बिजली विभाग में हुए पीएफ घोटाले में कांग्रेस योगी सरकार को लगातार घेर रही है. कांग्रेस के यूपी चीफ अजय कुमार लल्लू ने कहा कि इस बात की जांच की जानी चाहिए कि सितंबर-अक्टूबर 2017 मे ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा किस प्रयोजन से दुबई गए थे और वहां किन लोगों से मुलाकात की. यह दौरा उसी समय किया गया जब डीएचएफएल का पैसा सनब्लिंक को जा रहा था. ऊर्जा मंत्री 10 दिनों की इस आधिकारिक यात्रा के उद्देश्य बताएं.
अजय लल्लू ने डीएचएफएल मामले में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा को घेरते हुए कहा कि सवाल कर्मचारियों की पसीने की कमाई से साथ साथ अब तो देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है. कैसे कर्मचारियों के पसीने की कमाई किसी को दिया गया. उन्होंने यह भी मांग की कि सरकार बिजली कर्मचारियों के पीएफ निवेश पर श्वेत पत्र जारी करे.
कांग्रेस यूपी चीफ ने कहा कि चूंकि डीएचएफएल से समझौता योगी आदित्यनाथ की सरकार में हुआ है. सारी जिम्मेदारी सरकार की है, योगी आदित्यनाथ तत्काल प्रभाव से ऊर्जा मंत्री को बर्खास्त करें. अजय कुमार लल्लू ने कहा कि ऊर्जा मंत्री जी मानहानि के मुकदमे की धमकी दे रहे हैं लेकिन 45 हज़ार कर्मचारियों के पसीने की कमाई को निगल जाना चाहते हैं.
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कांग्रेस ने ऊर्जा मंत्री से पूछे 7 सवाल
- डीएचएफएल में निवेश का अनुमोदन कब हुआ? कब हस्ताक्षर किया गया? मार्च 2017 के बाद से दिसंबर 2018 तक किन किन तारीखों मे निवेश किया?
2. अब तक डीएचएफएल से हुए पत्राचार, डीएचएफएल की ओर से कौन लोग बात कर रहे थे? सार्वजनिक किया जाए.
3. आखिर भाजपा को सबसे ज्यादा व्यक्तिगत चंदा देने वाले वधावन की निजी कंपनी डीएचएफएल को ही नियमों को ताक पर रखते हुए कर्मचारियों की जीवन की पूंजी क्यों सौंपी गई?
4. क्या माननीय मंत्री जी के विभाग में हजारों करोड़ रुपए के संदिग्ध सौदे छोटे स्तर के अधिकारी कर लेते हैं और उन्हें खबर नहीं होती? सरकार के खजाने को यूं ही बेपरवाही से लुटवाते हैं मंत्री जी?
5. गरीब जनता की बिजली कुछ सौ और हजार रुपए के बकाया पर कटवा देने वाले मंत्री जी विभाग के खजाने से हजारों करोड़ रुपए देशद्रोहियों दाऊद इब्राहिम और इकबाल मिर्ची से जुड़ी कंपनियों को देते हैं?
6. DHFL की ओर से डील करने वाला अमित प्रकाश अभी भी क्यू नहीं पकड़ा जा रहा है? यह अमित प्रकाश ऊर्जा मंत्री जी से या उनके रिश्तेदारों से कब कब मिला?
7. ईओडब्ल्यू ने अभी तक विजिटर बुक क्यों नहीं सील की? क्या मुलाकातियों की सूची में हेराफेरी की जा रही है?
ऊर्जा मंत्री ने कहा- लल्लू पर करेंगे मानहानी का मुकदमा
लल्लू ने इससे पहले भी श्रीकांत शर्मा पर डीएचएफएल के लोगों से मिलने के आरोप लगाए थे. इसके जवाब में शर्मा ने कहा था कि अजय लल्लू के सारे आरोप गलत हैं. या तो वह माफी मांगें या वरना उन पर मानहानि का मुकदमा किया जाएगा. शर्मा के मुताबिक बिना किसी सबूत के कांग्रेस बेबुनियाद आरोप लगा रही है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, मुंबई स्थित विवादास्पद कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) में यूपी विद्युत निगम लिमिटेड (यूपीपीसीएल) ने एक विवादास्पद निर्णय के तहत कथित रूप से अपने कर्मचारियों के 2,600 करोड़ रुपए के फंड का निवेश किया है. इस कथित सौदे की जानकार मिलते ही लखनऊ में बिजली विभाग के कर्मचारियों में हड़कंप मचा जिसके बाद बीते शनिवार दोपहर कांग्रेस की यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर सरकार को घेरा था.
उप्र भाजपा सरकार ने राज्य के पॉवर कार्पोरेशन के कर्मियों की भविष्य निधि का पैसा DHFL जैसी डिफाल्टर कम्पनी में फँसा दिया है।
किसका हित साधने के लिए कर्मचारियों की 2000 करोड़ से भी ऊपर की गाढ़ी कमाई इस तरह की कम्पनी में लगा दी गई?
कर्मचारियों के भविष्य के ये खिलवाड़ क्या जायज है?
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 1, 2019
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ईडी ने हाल ही में की थी DHFL से पूछताछ
डीएचएफएल के प्रमोटरों से हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय ने दाऊद इब्राहिम के एक पूर्व सहयोगी इकबाल मिर्ची की एक कंपनी के साथ संबंधों को लेकर पूछताछ की है.
पुलिस ने की कार्रवाई
देर शाम इस मामले में पुलिस ने यूपीपीसीएल के दो अफसरों निदेशक वित्त सुधांशु त्रिवेदी और महाप्रबंधक कॉमर्शियल पीके गुप्ता को गिरफ्तार कर जेल भेजा. इसके अलावा यूपीपीसीएल के पूर्व एमडी एपी मिश्र को भी गिरफ्तार किया है. एपी मिश्र को अखिलेश सरकार में ‘ताकतवर’ अधिकारियों में गिना जाता था.