कोलकाता: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के जियांग कस्बे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता के परिवार की विभत्स हत्या के बाद राज्य में भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच तीखी बहस शुरू हो गई है. संघ कार्यकर्ता के परिवार में सात साल का बेटा और गर्भवती पत्नी थी.
विजयादशमी के दिन ये हत्या हुई है. पुलिस अभी तक इस हत्या के पीछे किसी राजनीतिक कारणों के होने का पता नहीं लगा पाई है.
मंगलवार को बंधु प्रकाश (35), अपनी पत्नी ब्यूटी पाल (30) और बेटे आर्य के साथ खून से लथपथ पाए गए. इस हत्या की घटना ने सांप्रदायिक और राजनीतिक रूप ले लिया है. खासकर सोशल मीडिया पर.
बंधु प्रकाश पाल स्कूल में अध्यापक थे और इसके अलावा मल्टी-लेवल मार्केटिंग बिजनेस भी चलाते थे. पाल की पत्नी हाउस वाइफ थीं और हत्या के समय वो गर्भवती थी.
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, ‘अभी तक इस हत्या के पीछे किसी राजनीतिक कारणों का पता नहीं चला है और न ही इसका कोई सबूत ही मिला है. इस हत्या से किसी भी तरह की सांप्रदायिक दावे की भी कोई खबर नहीं है.’
इस हत्या की जांच कर रहे वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘यह पूरी तरह आपराधिक मामला है. अभी तक की जांच में यही लगता है कि ये किसी फायदे के लिए की गई हत्या है. हमें पाल की पत्नी की अपने पति को लिखी एक चिट्ठी भी मिली है जिसमें आपसी रंजिश की बात है. हम ज़मीन विवाद की दृष्टि से भी इस मामले को देख रहे हैं. पाल के घर से कोई ऐसे दस्तावेज हमें नहीं मिले है जिससे ये पता चले कि उनका किसी राजनीतिक पार्टी से संबंध था. हम इस पूरे मामले को सुलझाने के काफी करीब हैं.’
पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘पाल के घर से 15 मीटर दूर पूजा पंडाल था लेकिन किसी ने भी इस घटना की हलचल नहीं सुनी. एक व्यक्ति को पाल के घर से निकलते हुए देखा गया था जिसके बाद पड़ोसियों को पाल के परिवार के बारे में पता चला. इससे पता चलता है कि हत्या करने वाला पीड़ित परिवार का नजदीकी है.’
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मुर्शिदाबाद के एसपी मुकेश कुमार ने बताया, ‘अभी तक राजनीतिक हिंसा का कोई सबूत नहीं मिला है. परिवार के तीन लोगों की हत्या की गई है. यह मामला हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण है.’
सोशल मीडिया पर हो रहा विवाद
पिछले 24 घंटों से पीड़ित परिवार की कुछ तस्वीरें और हत्या के समय की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. कुछ दक्षिणपंथी ग्रुप द्वारा इन तस्वीरों का वायरल किया जा रहा है और इस घटना को राजनीतिक और सांप्रदायिक रूप देने की कोशिश की जा रही है.
आरएसएस के राज्य ईकाई के सचिव जिश्नु बोस ने बताया, ‘पाल अपने क्षेत्र में होने वाले साप्ताहिक मिलन कार्यक्रम में आते थे. पिछले कुछ महीनों से वो संघ के कार्यक्रम में आ रहे थे. उनकी हत्या की खबर सुनने के बाद हम अचंभित है. बच्चे को भी नहीं छोड़ा गया.’
इस घटना को हुए 48 घंटे से ज्यादा हो गए लेकिन पुलिस को कुछ भी हासिल नहीं हुआ है. अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है. हम इस मामले में तेजी से कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने इस घटना को राज्य में पूरी तरह से कानून व्यवस्था का ठप होना बताया.
सिन्हा ने पूछा, ‘क्या हम जंगलराज में रह रहे हैं.’ ‘संघ परिवार से जुड़े एक अध्यापक को मार दिया जाता है. दोषियों ने उनकी पत्नी और बच्चे को भी नहीं छोड़ा. मुख्यमंत्री को इसकी जिम्मेदारी तय करनी चाहिए. वो राज्य की गृह मंत्री भी हैं.’
कुछ नेता इस मामले को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन कांग्रेस पार्टी इस मामले में राज्य सरकार का समर्थन कर रही है. कांग्रेस सांसद और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर चौधरी ने कहा, ‘हम इस मामले में किसी भी तरह की सांप्रदायिकता को नहीं देखते हैं. इस घटना को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है ताकि शांति को खराब किया जाए. हम जांचकर्ताओं का इंतजार कर रहे हैं. उनसे मांग है कि जल्द से जल्द इसकी जांच की जाए.’
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इस मामले को देखते हुए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनकर ने एक बयान जारी किया है. राज्यपाल ने इस विभत्स घटना के निंदा की है. बयान के अनुसार, ‘यह घटना चौंकाने वाली है और कानून व्यवस्था की चिंताजनक स्थिति को दिखाती है.’
राज्यपाल ने इस पूरे मामले में दुख जताया है कि इस घटना को हुए इतना समय हो गया लेकिन पुलिस अधिकारियों की तरफ से और न ही राज्य के किसी प्रतिनिधि की तरफ से कोई चिंता जाहिर की गई है.
इस बयान के बाद तृणमूल कांग्रेस काफी गुस्से में है. पश्चिम बंगाल के संसदीय मामलों और शिक्षा मंत्री पार्था चटर्जी ने कहा, ‘राज्यपाल का बयान प्रायोजित है. उन्होंने राज्यपाल के कदम को उनके संवैधानिक दायरों का उल्लंघन बताया.’ चटर्जी (जो टीएमसी के सेक्रेटरी जनरल) ने कहा, ‘इस हत्या के पीछे पारिवारिक झगड़ा दिखता है. हम इसकी जांच का इंतजार कर रहे हैं.
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