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Wednesday, 3 December, 2025
होमदेशबिहार में ‘गौरक्षक’ उम्मीदवारों को लोगों ने दिया वोट, वे गाय संरक्षण के पक्ष में हैं : शंकराचार्य

बिहार में ‘गौरक्षक’ उम्मीदवारों को लोगों ने दिया वोट, वे गाय संरक्षण के पक्ष में हैं : शंकराचार्य

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पटना, तीन दिसंबर (भाषा) उत्तराखंड स्थित ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बुधवार को दावा किया कि बिहार विधानसभा चुनाव में उनके द्वारा उतारे गए ‘गौरक्षक’ उम्मीदवारों को राज्य भर में लगभग छह लाख लोगों ने वोट दिए, जिससे यह स्पष्ट होता है कि लोग गायों की सुरक्षा के पक्ष में हैं।

शंकराचार्य ने कहा कि उन्होंने बिहार की सभी 243 विधानसभा सीट पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन ‘‘दबाव या लालच’’ में आकर उनमें से 45 उम्मीदवार पीछे हट गए और अंततः 198 उम्मीदवार मैदान में रहे।

उन्होंने कहा, ‘‘इन 198 गौरक्षक उम्मीदवारों को कुल मिलाकर करीब छह लाख वोट मिले, यानी प्रत्येक सीट पर औसतन लगभग 3,000 वोट। यह जनादेश दर्शाता है कि बिहार की जनता गायों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है और जरूरत पड़ने पर वे ऐसी सरकार भी बना सकती है जो गौ–सुरक्षा को प्राथमिकता दे।’’

शंकराचार्य ने कहा कि मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टियां इस मुद्दे की उपेक्षा कर रही हैं, इसलिए उन्हें ऐसे उम्मीदवार उतारने पड़े।

उन्होंने बिहार की सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि लंबे समय से सत्ता में रहने के बावजूद राज्य में वह गो–हत्या को रोकने में विफल रही है।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘पटना समेत बिहार के कई क्षेत्रों में लोग खुली गाय–हत्या देखते हैं। यहां तक कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी सत्ता के लिए ‘अधर्मियों’ के साथ गठबंधन कर लिया।’’

अयोध्या स्थित राम मंदिर में ‘धर्म ध्वज’ फहराने के मुद्दे पर शंकराचार्य ने कहा, ‘‘इंटरनेट पर दो वीडियो सामने आए हैं। एक में सशस्त्र बलों के अधिकारी चमड़े के जूते पहनकर ध्वज फहरा रहे हैं और दूसरे में (आरएसएस प्रमुख) मोहन भागवत तथा (प्रधानमंत्री) नरेन्द्र मोदी बटन दबाकर ध्वज आरोहित कर रहे हैं।’’

उन्होंने यह तर्क खारिज कर दिया कि सशस्त्र बलों के अधिकारी कार्यक्रम का अभ्यास कर रहे थे। शंकराचार्य का दावा था कि ‘‘दोनों वीडियो में ध्वज की आरोहण प्रक्रिया लगभग समान है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अभ्यास के दौरान भी मंदिर में चमड़े के जूते पहनकर प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा सकती।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग मंदिर की पवित्रता से खिलवाड़ कर रहे हैं।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी द्वारा देवी–देवताओं की विविधता पर दिए गए बयान को लेकर शंकराचार्य ने कहा, ‘‘भारत में डकैतों की भी अपनी देवी होती है। क्या इसका अर्थ यह है कि उन्हें जेल से बाहर कर दिया जाए?’’

शंकराचार्य ने कहा, ‘‘कपट धर्म’’ का पालन करने वाले लोग अपने स्वार्थ सिद्ध करने के लिए ईश्वर को प्रसन्न करना चाहते हैं, जबकि ‘‘निष्कपट धर्म’’ के अनुयायियों का लक्ष्य ईश्वर की प्रसन्नता ही होता है।

रेवंत रेड्डी ने मंगलवार को कहा था, ‘‘हिंदुओं के कितने देवता हैं? तीन करोड़?…कुछ स्थानीय देवता ऐसे हैं जिनकी पूजा के दौरान ताड़ी और मांसाहारी भोजन चढ़ाया जाता है तथा कुछ देवता वे हैं जिनकी पूजा करने वाले ‘दाल–चावल’ खाते हैं।’’

भाषा कैलाश

राजकुमार

राजकुमार

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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