नयी दिल्ली, दो दिसंबर (भाषा) संचार राज्य मंत्री चंद्रशेखर पेम्मासानी ने मंगलवार को कहा कि ‘संचार साथी’ ऐप से जुड़े मामलों पर एप्पल को छोड़कर सभी मोबाइल फोन कंपनियों के साथ चर्चा की गई है।
पेम्मासानी ने पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में स्पष्ट किया कि यह सरकारी ऐप किसी भी अन्य ऐप की तरह है, जिसे उपयोगकर्ता अपने फोन पर सक्रिय कर सकते हैं या उसे डिलीट कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि भारत में इस्तेमाल होने वाले सभी फोन पर इस ऐप को अनिवार्य रूप से इंस्टॉल करने के पीछे मकसद ऑनलाइन धोखाधड़ी की रिपोर्टिंग और खोए हुए मोबाइल फोन का पता लगाना है।
पेम्मासानी ने कहा कि इस ऐप को लेकर सरकार ने मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनियों के साथ एक कार्य-समूह में चर्चा की थी।
उन्होंने कहा, ‘कार्य-समूह में शामिल कंपनियों से अपनी आपत्तियां दर्ज करने के लिए कहा गया था। जहां तक मुझे मालूम है, अकेली एप्पल कंपनी ही इस कार्य-समूह में शामिल नहीं हुई थी। लेकिन बाकी सभी कंपनियों ने इस पर चर्चा में हिस्सा लिया था।’
उद्योग सूत्रों ने कहा है कि एप्पल अपने आईफोन में इस ऐप को इंस्टॉल करने के मुद्दे पर सरकार के साथ बात करेगी और कोई बीच का रास्ता निकालना चाहेगी।
पेम्मासानी ने कहा कि यह ऐप फोन उपयोगकर्ताओं से जुटाए गए डेटा के आधार पर काम करता है, जिससे वित्तीय धोखाधड़ी की जानकारी अधिक सटीक होती है और उस पर लगाम के लिए जल्द कार्रवाई की जा सकती है।
उन्होंने कहा, ‘यह ऐप केवल उस फोन नंबर और एसएमएस तक ही पहुंच रखता है, जिसकी सूचना उपयोगकर्ता ने धोखाधड़ी या स्पैम के रूप में दी हो। दूसरी कोई भी व्यक्तिगत जानकारी दर्ज या साझा नहीं की जाती है।’
दूरसंचार विभाग का संचार साथी ऐप अंग्रेजी, हिंदी और सभी स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध है। अब तक 1.4 करोड़ लोग इसे डाउनलोड कर चुके हैं और इसकी वेबसाइट पर 21 करोड़ लोग पहुंच चुके हैं।
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