(लक्ष्मी देवी ऐरे)
हैदराबाद, दो दिसंबर (भाषा) अमेरिका की कृषि प्रौद्योगिक कंपनी, कॉर्टेवा एग्रीसाइंस खास तौर पर भारतीय हालात के हिसाब से संकर गेहूं की किस्में विकसित करने में निवेश कर रही है। इसके वाणिज्यिक बीज 10-15 साल में मिलने की उम्मीद है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी।
कॉर्टेवा के एशिया प्रशांत परिचालन की अध्यक्ष, ब्रुक कनिंघम ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा कि यह प्रोद्योगिकी प्रति एकड़ गेहूं का उत्पादन बढ़ाने में मदद कर सकती है। इससे एथनॉल के लिए मक्का और खाने के तेल और पर्यावरण अनुकूल विमान ईंधन के लिए सरसों जैसी दूसरी रणनीतिक फसलों के लिए खेती की जमीन उपलब्ध हो सकेगी।
कनिंघम ने भारत यात्रा के दौरान कहा, ‘‘हमने एक साल पहले अपने निवेशक दिवस पर संकर गेहूं के लिए एक नए टिकाऊ प्रणाली की घोषणा की थी और भारत-विशिष्ट जर्मप्लाज्म में निवेश करना शुरू कर दिया है।’’
उन्होंने भारत को इस प्रौद्योगिकी के लिए ‘‘शीर्ष प्राथमिकता’’ वाला देश बताया।
कनिंघम ने कहा, ‘‘संकर गेहूं को दुनिया भर में बड़े पैमाने पर लाने में 25 साल का सफर लगेगा, लेकिन हमने भारतीय हालात के लिए स्थानीय जर्मप्लाज्म में निवेश करना शुरू कर दिया है, जो हमारी शीर्ष प्राथमिकता है।’’
उन्होंने कहा कि चावल और गेहूं में अपनी आत्मनिर्भरता और फलों, सब्जियों, मक्का एवं टिकाऊ विमानन ईंधन में निर्यात क्षमता को देखते हुए भारत ‘दुनिया को खाना और ईंधन देने के लिए एक अहम मोड़’ पर है।
भाषा राजेश राजेश रमण
रमण
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.
