नयी दिल्ली, 26 नवंबर (भाषा) सरकार कुछ क्षेत्रों के निर्यातकों को निर्यात से पहले और बाद के कर्ज के लिए ब्याज समानीकरण योजना के तहत 2.5 से तीन प्रतिशत के बीच सब्सिडी लाभ प्रदान कर सकती है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
योजना का विवरण अगले सप्ताह जारी होने की उम्मीद है।
अधिकारी ने यह भी कहा कि वार्षिक लाभ प्रति निर्यातक 50 लाख रुपये तक सीमित हो सकता है।
यह योजना केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित 25,060 करोड़ रुपये के निर्यात संवर्धन मिशन (ईपीएम) का हिस्सा है।
ऐसे समय जब वैश्विक व्यापार चुनौतियों का सामना कर रहा है, यह चिह्नित क्षेत्रों के निर्यातकों को प्रतिस्पर्धी दरों पर रुपये में निर्यात ऋण प्राप्त करने में मदद करता है। निर्यातकों को निर्यात से पहले और बाद के रुपये में निर्यात ऋण के लिए ब्याज समानीकरण योजना के तहत सब्सिडी मिलती है।
यह योजना एक अप्रैल, 2015 को शुरू की गई थी।
निर्यातक इस योजना को फिर से शुरू करने की मांग कर रहे हैं। उनके अनुसार, जिन देशों के साथ वे प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं, वहां निर्यात ऋण दो से तीन प्रतिशत पर उपलब्ध है, जबकि भारत में यह आठ से 12 प्रतिशत के बीच है।
भाषा रमण अजय
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