हाजीपुर, 23 नवंबर (भाषा) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा)-मार्क्सवादी लेनिनवादी (माले) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने रविवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ‘नीतीश कुमार से गृह विभाग छीन लिया है’ और सम्राट चौधरी के गृह मंत्री बनने के बाद बिहार ‘बुलडोजर राज’ की ओर बढ़ रहा है।
गृह विभाग पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास था, लेकिन अब इसे भाजपा के सम्राट चौधरी को दे दिया गया है।
भट्टाचार्य ने सुपौल में चुनाव प्रचार के दौरान मारे गए भाकपा(माले) लिबरेशन के नेता विशेश्वर प्रसाद यादव की स्मृति में हाजीपुर में एक श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए कहा, “अब उत्तर प्रदेश की तर्ज पर कानून का नहीं, बल्कि बुलडोजर का राज होगा।”
भट्टाचार्य ने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी ‘बुलडोजर शासन’ के खिलाफ डटकर लड़ेगी।
उन्होंने बिहार के ‘खतरनाक दौर’ में प्रवेश करने पर जोर देते हुए दावा किया कि हाल ही में हुए बिहार विधानसभा चुनाव ‘अभूतपूर्व अनियमितताओं’ से प्रभावित रहे। भाकपा (माले) नेता ने कहा, “मतदाता सूची से लगभग 70 लाख नाम हटाए गए और 20-25 लाख नए नाम जोड़े गए। ”
उन्होंने आरोप लगाया कि इससे ‘बूथ स्तर पर मतदाता संतुलन बिगड़ गया’।
भट्टाचार्य ने चुनाव-पूर्व सार्वजनिक धन के वितरण की भी आलोचना की और कहा, “चार साल तक लोगों के प्रति पूरी तरह से अनदेखी के बाद विभिन्न योजनाओं के तहत 30,000 करोड़ रुपये बांटे गए।’
उन्होंने आरोप लगाया, “पूरी चुनावी प्रक्रिया मजाक बनकर रह गई।”
भाकपा(माले) नेता ने चुनाव के बाद ‘मजदूर-विरोधी’ चार श्रम संहिताओं के लागू होने का विरोध किया और 26 नवंबर को संविधान दिवस पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, “नई संहिताओं के तहत काम के घंटे आठ से बढ़ाकर 12 कर दिए गए हैं, हड़ताल लगभग असंभव हो गई हैं, काम की सुरक्षा नदारद है और फिर भी वे कहते हैं कि ये संहिताएं रोजगार सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हैं।”
भट्टाचार्य ने सत्तारूढ़ गठबंधन पर चुनाव से पहले महिला मतदाताओं को 10,000 रुपये देकर ‘धोखा’ देने का आरोप लगाया और भविष्य में बढ़ते सामाजिक उत्पीड़न की चेतावनी दी।
भाषा जितेंद्र दिलीप
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