ग्रेटर नोएडा, 21 नवंबर (भाषा) स्टार मुक्केबाज निकहत जरीन की अगुआई में भारतीय महिला मुक्केबाजों ने बृहस्पतिवार को यहां विश्व मुक्केबाजी कप फाइनल्स में सात स्वर्ण पदक जीते जबकि पुरुष मुक्केबाजों में हितेश गुलिया और सचिन सिवाच ने भी खिताब जीता।
मेजबान देश के मुक्केबाजों ने सभी 20 वजन वर्ग में पदक जीता जिसमें नौ स्वर्ण, छह रजत और पांच कांस्य शामिल रहे।
बृहस्पतिवार को भारत के 15 मुक्केबाज रिंग में उतरे जिसमें से महिला वर्ग में मौजूदा विश्व चैंपियन जैस्मीन लंबोरिया (57 किग्रा) और मीनाक्षी हुड्डा (48 किग्रा), एशियाई खेलों की कांस्य पदक विजेता प्रीति पवार (54 किग्रा), विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता परवीन हुड्डा (60 किग्रा), पूर्व युवा विश्व चैंपियन अरुंधति चौधरी (70 किग्रा) और नुपुर श्योराण (80 किग्रा से अधिक) ने भी स्वर्ण पदक जीते।
जादुमणि सिंह (50 किग्रा), अभिनाश जामवाल (65 किग्रा), पवन बर्तवाल (55 किग्रा), अंकुश फंगल (80 किग्रा), नरेंद्र बेरवाल (90 किग्रा) और पूजा रानी (80 किग्रा) ने रजत पदक हासिल किए।
इससे पहले नीरज फोगाट (65 किग्रा), स्वीटी (75 किग्रा), सुमित कुंडू (75 किग्रा), जुगनू (85 किग्रा) और नवीन (90 किग्रा) ने कांस्य पदक जीते।
टूर्नामेंट से कई शीर्ष मुक्केबाज नदारद थे। कजाखस्तान और उज्बेकिस्तान जैसे मजबूत देशों ने तीसरे दर्जे की टीम भेजीं लेकिन डब्ल्यूबीसी फाइनल्स परवीन, प्रीति और अरुंधति जैसे वापसी कर रहे भारतीय मुक्केबाजों के लिए बहुमूल्य साबित हुए जिन्होंने लय और आत्मविश्वास हासिल करने के लिए इसका उपयोग किया।
जैस्मीन ने प्रतियोगिता में भारत की सबसे बड़ी जीत में से एक हासिल की। उन्होंने पेरिस ओलंपिक्स की पदक विजेता वू शिह यी को रोमांचक फाइनल में 4-1 से हराया।
टूर्नामेंट में पहले ही मौजूदा विश्व चैंपियन को हरा चुकी प्रीति ने इटली की विश्व चैंपियनशिप की पदक विजेता सिरीन चर्राबी के खिलाफ एक और शानदार प्रदर्शन करते हुए जीत दर्ज की।
दो बार की विश्व चैंपियन निकहत (50 किग्रा) ने चीनी ताइपे की गुओ यी शुआन पर सर्वसम्मति से 5-0 से जीत दर्ज की और 2023 विश्व चैंपियनशिप के बाद अपना पहला स्वर्ण पदक जीता।
परवीन ने जापान की अयाका तागुची पर 3-2 से जीत दर्ज की जबकि अरुंधति ने उज्बेकिस्तान की अजीजा जोकिरोवा को 5-0 से हराया।
मीनाक्षी हुड्डा ने मौजूदा एशियाई चैंपियन फरजोना फोजिलोवा पर 5-0 से जीत हासिल की।
पुरुषों के वर्ग में सचिन ने किर्गिस्तान के मुनारबेक उलु सेइतबेक को 5-0 से हराया जबकि हितेश ने धीमी शुरुआत के बाद कजाखस्तान के नूरबेक मुर्सल को एक रोमांचक मुकाबले में 3-2 से शिकस्त दी।
टूर्नामेंट के दौरान भारतीय मुक्केबाजी महासंघ की विशेष आम बैठक (एसजीएम) के दौरान महासंघ में नए टकराव के संकेत मिले जिसमें राज्य इकाइयों के कुछ सदस्यों ने इसके काम करने के तरीके पर असहमति जताई और अध्यक्ष अजय सिंह के खिलाफ ‘अविश्वास प्रस्ताव’लाने का दावा किया।
हालांकि अजय सिंह ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि उन्हीं सदस्यों में से कई ने उन पर भरोसा जताते हुए एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर भी किए।
अजय सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज एक एसजीएम थी और दुर्भाग्य से 28 हस्ताक्षर के साथ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। लेकिन यह दावा कि यह तीन-चौथाई सदस्यों की तरफ से आया, बिल्कुल गलत है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कई हस्ताक्षर करने वाले सदस्य भी नहीं हैं और उन्हीं सदस्यों ने मुझ पर भरोसा जताते हुए एक और याचिका पर भी हस्ताक्षर किए हैं और वह भी काफी बड़ी संख्या में।’’
बीएफआई संविधान में बदलाव जैसे मुद्दों का जिक्र करते हुए 28 सदस्यों ने एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए हैं जो पीटीआई के पास है। इसमें दावा किया गया है कि अजय सिंह ‘‘बार-बार अपने अधिकार का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।’’
भाषा
सुधीर
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