पणजी, 21 नवंबर (भाषा) गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य फिल्म निर्माताओं के लिए भारत का ‘‘पहला पसंदीदा गंतव्य’’ बनकर उभरा है और इसका कारण न केवल प्राकृतिक परिदृश्य है बल्कि गोवा को वैश्विक फिल्म निर्माण केंद्र में बदलने के उद्देश्य से कई नीतिगत सुधार करना भी है।
सावंत ने 56वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) का उद्घाटन करते हुए कहा कि सरकार की संशोधित फिल्म वित्तपोषण योजना, संशोधित शूटिंग नियम, आगामी एकल-खिड़की मंजूरी प्रणाली और फिल्म बाजार एवं अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रचार बढ़ाना, गोवा को विश्वस्तरीय, फिल्म निर्माता-अनुकूल गंतव्य के रूप में स्थापित करने में मदद कर रहा है।
इफ्फी का उद्घाटन बृहस्पतिवार को पणजी में गोवा के राज्यपाल अशोक गजपति राजू, केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल मुरुगन, केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक और अन्य की उपस्थिति में किया गया।
आठ दिन तक चलने वाला यह महोत्सव राज्य के विभिन्न स्थानों पर आयोजित किया जाएगा।
उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए सावंत ने कहा कि 50 लाख रुपये तक की फिल्म वित्तपोषण योजना जैसे मजबूत नीतिगत सुधारों की बदौलत गोवा अब भारत का पहला पसंदीदा गंतव्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम गोवा को वैश्विक फिल्म निर्माण केंद्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। गोवा पहले से ही फिल्म निर्माताओं को अच्छा सिनेमा बनाने में सहायता प्रदान कर रहा है।”
उन्होंने कहा, ‘‘गोवा को वर्ष 2014 में महोत्सव के लिए स्थायी स्थल घोषित किया गया था और तब से आज तक, सभी ने इफ्फी में अंतर देखा है।’’
वहीं, राजू ने कहा कि इफ्फी हमेशा एक सिनेमाई प्रदर्शन से कहीं अधिक रहा है।
राज्यपाल ने कहा, “यह दुनिया भर के विचारों, कहानियों और रचनात्मक शख्सियतों के लिए एक मिलन स्थल है। यह युवा फिल्म निर्माताओं को प्रोत्साहित करता है, सिनेमाई उपलब्धियों का सम्मान करता है और फिल्म और रचनात्मक जगत के लिए वैश्विक केंद्र में भारत की स्थिति को मजबूत करता है।”
राजू ने कहा, ‘‘यह महोत्सव 84 देशों की 270 फिल्मों को एक साथ लाता है, जो भारतीय और अंतरराष्ट्रीय सिनेमा और उभरती प्रतिभा का एक समृद्ध मिश्रण पेश करती हैं। यह देखकर खुशी होती है कि इफ्फी रचनात्मक आदान-प्रदान, नए सहयोग और सिनेमाई अनुभव के जश्न के लिए एक सार्थक मंच के रूप में काम करता है।’’
केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल मुरुगन ने कहा कि इफ्फी जैसे आयोजन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘‘रचनात्मक अर्थव्यवस्था’’ के सपने को बढ़ावा देने में मदद कर रहे हैं।
मुरुगन ने अपने भाषण में प्रधानमंत्री को उद्धृत करते हुए कहा कि यह भारत में रचनात्मक अर्थव्यवस्था का समय है।
उन्होंने प्रधानमंत्री के हवाले से कहा, ‘‘सामग्री, रचनात्मकता और संस्कृति हमारी रचनात्मक अर्थव्यवस्था के तीन स्तंभ हैं।’’
भाषा नोमान नेत्रपाल
नेत्रपाल
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.
