नरसिंहपुर, 21 नवंबर (भाषा) नक्सलियों से मुठभेड़ में शहीद हुए पुलिस निरिक्षक आशीष शर्मा का बृहस्पतिवार को मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर में उनके पैतृक गांव में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
बोहानी गांव में अंतिम यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव और उनके मंत्रिमंडल सहयोगी प्रहलाद पटेल ने अर्थी को कंधा दिया।
शर्मा बुधवार सुबह छत्तीसगढ़-मध्य प्रदेश सीमा पर नक्सलियों से मुठभेड़ में शहीद हुए थे।
वह मध्यप्रदेश पुलिस की ‘हॉक फोर्स’ का हिस्सा थे, जो एक विशिष्ट नक्सल रोधी इकाई है।
यादव ने मृतक पुलिसकर्मी के परिवार को एक करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की और कहा कि शर्मा के छोटे भाई को सभी योग्यता नियमों में ढील देकर उपनिरीक्षक के पद पर नियुक्त किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि शहीद अधिकारी के नाम पर गांव में एक पार्क और एक स्टेडियम बनाया जाएगा।
शर्मा का पार्थिव शरीर बृहस्पतिवार दोपहर बोहानी लाया गया, जहां उन्हें ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया, जिसके बाद अंतिम यात्रा श्मशान घाट की ओर बढ़ी।
गांव वालों ने रास्ते से गुजरती यात्रा पर घर की छतों से फूल बरसाए। कांग्रेस की मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष जीतू पटवारी और विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने भी शहीद अधिकारी को श्रद्धांजलि दी।
अंतिम यात्रा में 5,000 से ज्यादा लोग शामिल हुए।
पुलिस ने बताया कि तीन राज्यों के सीमा क्षेत्र में बोरतलाव इलाके के पास नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र पुलिस ने एक संयुक्त अभियान शुरू किया।
उन्होंने बताया कि मुठभेड़ में शर्मा को गोली लगी और उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
भाषा सं दिमो जितेंद्र
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