चामराजनगर (कर्नाटक), 20 नवंबर (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने ‘नवंबर क्रांति’ की खबरों को खारिज करते हुए बृहस्पतिवार को इस शब्द को ‘मीडिया की उपज’ बताया।
उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी स्थिति शुरुआत से ही मजबूत रही है और भविष्य में भी ऐसी ही बनी रहेगी।
कर्नाटक में संभावित नेतृत्व परिवर्तन को लेकर अटकलें चल रही थीं, जिनमें दावा किया जा रहा था कि सिद्धरमैया उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाने के लिए अपना पद छोड़ सकते हैं। कुछ लोगों ने संभावित बदलाव को ‘नवंबर क्रांति’ का नाम दिया था।
सिद्धरमैया ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘आपने (मीडिया ने) इस शब्द को गढ़ा है। आपने यह ‘क्रांति’ गढ़ी है। इसलिए, न कोई ‘क्रांति’ है और न कोई ‘भ्रांति’। हमें शासन करने के लिए पांच साल का कार्यकाल दिया गया है। पांच साल बाद, चुनाव होंगे और हम एक बार फिर जीतेंगे।’
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि लोगों ने कांग्रेस को पांच साल के लिए सत्ता सौंपी है।
सत्ता बंटवारे की चर्चाओं पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए उन्होंने कहा, ‘लोगों ने हमें पांच साल तक शासन करने का जनादेश दिया है। हम ईमानदारी से उन पांच गारंटियों (गृह लक्ष्मी, शक्ति, गृह ज्योति, अन्न भाग्य और युवा निधि) को पूरा करने का प्रयास करेंगे जिनका हमने वादा किया है।’
यह पूछे जाने पर कि क्या वह पूरे पांच साल तक पद पर रहेंगे, सिद्धरमैया ने कहा, ‘इसका क्या मतलब है? ये अनावश्यक चर्चाएं हैं। मैंने पार्टी आलाकमान को बताया था कि ढाई साल बीतने जरूरी थे, जिसके बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल पर विचार किया जा सकता है। इसके बाद ही सत्ता-बंटवारे के बारे में ये चर्चाएं शुरू हुईं।’
जब उनसे पूछा गया कि क्या मंत्रिमंडल में फेरबदल की कोई तारीख तय की गई है, तो उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के साथ चर्चा कर रहे हैं।
भाषा
नोमान अविनाश
अविनाश
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