नयी दिल्ली, 19 नवंबर (भाषा) किसान संगठन, केंद्रीय श्रमिक संगठनों के साथ मिलकर किसानों के दिल्ली मार्च के पांच साल पूरे होने पर 26 नवंबर को देशभर में विरोध प्रदर्शन करेंगे और सरकार से अधूरे वादों को पूरा करने की मांग करेंगे।
किसानों के 2020-21 के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने दिल्ली की सीमाओं पर साल भर के धरना प्रदर्शन के दौरान किए गए प्रमुख वादों को लागू करने में विफल रहने के लिए सरकार की आलोचना की।
अखिल भारतीय किसान सभा के अध्यक्ष अशोक धावले ने कहा, ‘‘किसानों से किए गए किसी भी वादे को पूरा नहीं किया गया। यहां तक इन पर चर्चा तक नहीं हुई… चाहे ये कर्ज माफी हो या बिजली के निजीकरण को बंद करना।’’
किसान नेताओं ने रेखांकित किया कि यद्यपि विवादास्पद तीन कृषि कानूनों को निरस्त कर दिया गया, लेकिन श्रम संहिताओं को निरस्त नहीं किया गया है, जिनका श्रमिक संगठनों द्वारा भी विरोध किया जा रहा है। उन्होंने घोषणा की कि 26 नवंबर को देश भर के जिला और राज्य केंद्रों पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन होंगे। ये विरोध प्रदर्शन दिल्ली के जंतर-मंतर और नोएडा में भी होंगे।
भाषा यासिर पवनेश
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