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Monday, 17 November, 2025
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केरल: बीएलओ का एसआईआर कार्य का बहिष्कार; विपक्ष ने अधिकारी की आत्महत्या को लेकर जांच की मांग की

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तिरुवनंतपुरम, 16 नवंबर (भाषा) केरल में बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) ने कथित तौर पर काम के तनाव के कारण एक अधिकारी द्वारा आत्महत्या किए जाने की घटना के बाद कार्य का बहिष्कार किया जिससे राज्य में मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया सोमवार को प्रभावित रही।

बीएलओ के रूप में कार्यरत अनीश जॉर्ज (44) का शव कन्नूर जिले में स्थित उसके घर में रविवार को फंदे से लटका मिला।

स्थानीय लोगों और जॉर्ज के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि उन्होंने यह कदम मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) से जुड़े काम के दबाव में उठाया।

राज्य सरकार कर्मचारी एवं शिक्षक कार्य परिषद और शिक्षक सेवा संगठनों की संयुक्त समिति समेत कर्मचारियों के विभिन्न श्रमिक संगठनों ने जिला कलेक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन किया और मांग की कि प्राधिकारी बीएलओ पर अत्यधिक दबाव न डालें एवं एसआईआर को स्थगित करने पर विचार करें।

केरल एनजीओ एसोसिएशन ने भी राज्य भर में विरोध प्रदर्शन किया और मांग की कि आत्महत्या की और घटनाओं को रोकने के लिए एसआईआर प्रक्रियाओं को रोका जाए।

इस बीच, पोस्टमार्टम के बाद जॉर्ज का शव सोमवार को उनके परिजनों को सौंप दिया गया।

जॉर्ज के परिवार ने दोहराया कि उन पर एसआईआर से जुड़े काम का बहुत अधिक दबाव था।

जॉर्ज के रिश्तेदार सैजू ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘उन्हें ठीक से खाने और सोने का भी समय नहीं मिलता था। एसआईआर प्रक्रिया के तहत सौंपे गए काम को पूरा करने का उन पर बहुत अधिक दबाव था।’’

सैजू ने बताया कि वरिष्ठ अधिकारी अक्सर जॉर्ज से जानकारी लेते थे कि कितना काम हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘‘काम के भारी बोझ को देखते हुए जॉर्ज के पिता ने उनसे कहा था कि अगर उनकी नौकरी चली भी जाए तो भी चिंता न करें।’’

विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन ने कहा कि प्रारंभिक जांच से मिले संकेतों के बाद जॉर्ज की आत्महत्या में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) कार्यकर्ताओं की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें पता चला कि जब कांग्रेस का एक बूथ-स्तरीय एजेंट जॉर्ज के साथ गणना के लिए गया था तब उन्हें धमकाया गया था।’’

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और माकपा दोनों ही कांग्रेस के पुराने मतदाताओं को मतदाता सूची से बाहर रखने की कोशिश कर रही हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘जहां भाजपा गलत इरादे से एसआईआर लागू कर रही है, वहीं माकपा इसे केरल में आगे बढ़ा रही है। हम इसका कड़ा, कानूनी और राजनीतिक विरोध करेंगे।’

सतीशन ने राज्य सरकार और भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) से बीएलओ की सुरक्षा सुनिश्चित करने और गहन जांच करने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा, ‘‘अधिकतर बीएलओ महिलाएं हैं। एक बूथ पर लगभग 700-1,200 मतदाता होते हैं और बीएलओ को कम समय में लक्ष्य पूरा करने के लिए हर घर में कई बार जाना पड़ता है।’’

केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष सनी जोसेफ ने कहा कि जॉर्ज द्वारा टेलीफोन पर की गई बातचीत से पता चला कि गणना के दौरान कांग्रेस के बूथ-स्तरीय एजेंट के साथ जाने पर माकपा कार्यकर्ताओं ने उन्हें धमकाया था।

जोसेफ ने कहा, ‘‘बातचीत से पता चला कि माकपा ने जॉर्ज पर घरों में कांग्रेस के पर्चे बांटने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज कराने की धमकी दी थी। उन्होंने काम के तनाव के साथ-साथ इस राजनीतिक धमकी के कारण आत्महत्या कर ली।’’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी प्रदर्शनकारी बीएलओ का पूरा समर्थन करती है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि बीएलओ का विरोध प्रदर्शन निर्वाचन आयोग को आंखें खोलने पर मजबूर करेगा। हमारे बार-बार अनुरोध के बावजूद आयोग ने ऐसे समय में एसआईआर कराने का फैसला किया जब स्थानीय निकाय चुनाव की घोषणा हो चुकी है।’’

जोसेफ ने कहा कि पार्टी एसआईआर प्रक्रिया के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाएगी।

उन्होंने कहा, ‘‘2002 की मतदाता सूची को देखते हुए मेरे पास भी मतदान का अधिकार नहीं है। कई नेताओं के नाम मतदाता सूची में नहीं होंगे। भारत सरकार और निर्वाचन आयोग नागरिकों के बुनियादी लोकतांत्रिक अधिकारों को खत्म कर रहे हैं।’’

भाषा सिम्मी मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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