नई दिल्ली: नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने केंद्रीय रिज़र्व पुलिस फोर्स (CRPF) कर्मी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है, जिसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों को पैसे के बदले संवेदनशील जानकारी लीक करने के आरोप में बर्खास्त किया गया था. इसमें कड़े अनलॉफ़ुल एक्टिविटीज़ (प्रिवेंशन) एक्ट सहित कई धाराएं लगाई गई हैं.
CRPF ने मोती राम जाट के फोन से ऐसे सबूत मिलने का दावा किया था कि वह संदिग्ध अकाउंट्स से संपर्क में था. इसके बाद तुरंत उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया और NIA को सौंप दिया गया.
चार्जशीट शुक्रवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में दाखिल की गई.
मामले से जुड़े सूत्र ने दिप्रिंट को बताया, “वित्तीय लेनदेन और उसके फोन से निकाले गए डेटा के विवरण के साथ एक चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई है. जांच जारी रहेगी ताकि यह पूरा नेटवर्क सामने आ सके कि PIOs (पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ऑपरेटिव्स) किस तरह सुरक्षा बलों से लालच देकर या जाल में फंसाकर जानकारी निकालते हैं.”
एजेंसी ने भारत न्याय संहिता, 2023 की धाराएं—61 (आपराधिक साजिश), 147 (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध करना, युद्ध का प्रयास करना या युद्ध भड़काना), 148 (धारा 147 के तहत अपराध करने की साजिश), और 152 (भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्य) लगाई हैं.
सूत्रों ने बताया, इसके अलावा, 1923 का ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट और 1967 का अनलॉफुल एक्टिविटीज़ (प्रिवेंशन) एक्ट भी चार्जशीट में शामिल किए गए हैं.
हरियाणा निवासी मोती राम CRPF की 116वीं बटालियन में असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर के पद पर तैनात था, जो पहलगाम में ड्यूटी पर थी. 17 अप्रैल को उसका ट्रांसफर हुआ था, ठीक पांच दिन पहले उस पर्यटन स्थल पर आतंकी हमला हुआ, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था. इस घटना ने भारत और पाकिस्तान को लगभग युद्ध की स्थिति तक पहुंचा दिया था.
CRPF अधिकारियों ने मोती राम से उनके संदिग्ध सोशल मीडिया गतिविधियों को लेकर पूछताछ की, जिससे कथित तौर पर पता चला कि उसने जम्मू-कश्मीर में जवानों की मूवमेंट और तैनाती से जुड़ी संवेदनशील जानकारी शेयर की थी. उसे तुरंत सेवा से बर्खास्त कर दिया गया और उन्हें NIA को सौंप दिया गया, जिसने 21 मई को उसे गिरफ्तार कर लिया.
सूत्र ने कहा, “उसे जासूसी गतिविधियों में शामिल होने, सुरक्षा बलों के ऑपरेशनों से जुड़े इंटेलिजेंस इनपुट और सुरक्षा प्रतिष्ठानों की लोकेशन जैसी संवेदनशील जानकारी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों को पैसे के बदले देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया.”
बल और एजेंसी की शुरुआती जांच में सामने आया कि मोती राम को हर महीने लगभग 3,000 रुपये एक विदेशी बैंक अकाउंट से पत्नी के अकाउंट में मिल रहे थे.
गिरफ्तारी के बाद, एनआईए ने बताया था कि मोती राम 2023 से “सक्रिय रूप से” जासूसी गतिविधियों में शामिल था और उसे भारत में मौजूद कई चैनलों के जरिए PIOs से पैसे मिल रहे थे.
मोती राम को हिरासत में लेने और PIOs के नेटवर्क पर पूछताछ करने के कुछ दिन बाद, एनआईए ने दिल्ली, मुंबई, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, असम और पश्चिम बंगाल में 15 जगहों पर छापेमारी की थी.
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