नयी दिल्ली, 14 नवंबर (भाषा) सरकार ने कपड़ा क्षेत्र सहित विभिन्न उद्योगों में इस्तेमाल होने वाले रसायनों और पॉलिमर पर 14 गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) रद्द कर दिए हैं। इस कदम से भारत को वस्तुओं का निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी।
रसायन और उर्वरक मंत्रालय के तहत रसायन और पेट्रोरसायन विभाग ने बुधवार को 14 क्यूसीओ को रद्द करने की अधिसूचना जारी की। इनमें से सात क्यूसीओ फाइबर इंटरमीडिएट से संबंधित हैं, जो कपड़ा मूल्य श्रृंखला को प्रभावित करते हैं।
मानव निर्मित फाइबर (एमएमएफ) वस्त्र में उपयोग किए जाने वाले उत्पादों से संबंधित इन क्यूसीओ में टेरेफ्थेलिक एसिड, एथिलीन ग्लाइकॉल, पॉलिएस्टर स्पन, ग्रे और व्हाइट यार्न, पॉलिएस्टर इंडस्ट्रियल यार्न (आईडीवाई) और पॉलिएस्टर स्टेपल फाइबर (पीएसएफ) शामिल हैं।
बाकी सात क्यूसीओ वाहन सहित अन्य उद्योगों से संबंधित हैं। इनमें एक्रिलोनिट्राइल ब्यूटाडीन स्टाइरीन, मोल्डिंग और एक्सट्रूजन के लिए पॉलीइथाइलीन सामग्री, पॉलीप्रोपाइलीन (पीपी) सामग्री और पॉलीविनाइल क्लोराइड (पीवीसी) होमोपॉलिमर शामिल हैं।
इन 14 क्यूसीओ को रद्द करने से भारत के छोटे एवं मझोले उद्योगों को लाभ होगा।
भारतीय वस्त्र उद्योग परिसंघ (सीआईटीआई) के पूर्व चेयरमैन और टीटी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय के जैन ने पीटीआई-भाषा को बताया, ”पॉलिएस्टर और पॉलिएस्टर फाइबर से संबंधित क्यूसीओ को रद्द करने का कदम भारतीय कपड़ा उद्योग को समान अवसर देगा।”
भाषा पाण्डेय रमण
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