नई दिल्ली: यह कहते हुए कि संस्थान “अच्छी स्थिति में नहीं दिख रहा”, एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज़ (AIU) ने गुरुवार को अल-फलाह यूनिवर्सिटी की सदस्यता निलंबित कर दी. यह कार्रवाई उस समय हुई जब यूनिवर्सिटी के तीन डॉक्टर लाल किला ब्लास्ट मामले में संदिग्ध पाए गए.
AIU की सचिव पंकज मित्तल ने यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर भूपिंदर कौर आनंद को भेजे पत्र में लिखा कि एसोसिएशन के नियमों के अनुसार सभी विश्वविद्यालय तब तक सदस्य रहते हैं, जब तक वे “अच्छी स्थिति” में हों.
पत्र में लिखा है, “लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह जानकारी मिली है कि अल-फलाह यूनिवर्सिटी, फरीदाबाद, हरियाणा अच्छी स्थिति में नहीं दिख रही. इसलिए, अल-फलाह यूनिवर्सिटी की AIU सदस्यता तुरंत प्रभाव से निलंबित की जाती है.”
AIU ने यह भी साफ किया कि अब विश्वविद्यालय को एसोसिएशन का नाम या लोगो इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं है. इसे तुरंत अपनी आधिकारिक वेबसाइट से हटाना होगा. गुरुवार रात तक यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
AIU, जो शिक्षा मंत्रालय के तहत एक सलाहकार संस्था है, भारतीय और विदेशी यूनिवर्सिटीज़ की डिग्री, डिप्लोमा और योग्यता का मूल्यांकन और मान्यता देती है. समानता प्रमाणपत्र जारी कर यह सुनिश्चित करती है कि छात्रों की डिग्रियां पूरे भारत में मान्य हों, जिससे उन्हें उच्च शिक्षा, रोजगार और पेशेवर अवसर मिल सकें. इससे पूरे अकादमिक सिस्टम में मानकीकरण और विश्वसनीयता बनी रहती है.
फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी का मेडिकल कॉलेज — अल-फलाह स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज़ एंड रिसर्च सेंटर — जांच के दायरे में तब आया जब 10 नवंबर को दिल्ली के लाल किले के पास एक कार ब्लास्ट में 12 लोगों की मौत हुई. जांच में पता चला कि कार डॉ. उमर उन नबी चला रहा था, जो अल-फलाह में काम करता था और विस्फोट में मारा गया.
इससे पहले, पुलिस ने उसी कॉलेज के दो अन्य डॉक्टर — डॉ. मुज़म्मिल शकील और डॉ. शाहीन शाहिद को गिरफ्तार किया था. जांचकर्ताओं का कहना है कि तीनों ही लाल किला ब्लास्ट को अंजाम देने वाले आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा थे.
यूनिवर्सिटी ने बुधवार को बयान जारी करके कहा कि उसका इन डॉक्टरों की किसी निजी गतिविधि से कोई संबंध नहीं है और वह केवल उनके कैंपस संबंधी आधिकारिक काम तक सीमित था. यूनिवर्सिटी ने यह भी साफ किया कि परिसर में कोई रसायन या विस्फोटक सामग्री नहीं रखी जाती, जैसा कि “कुछ ऑनलाइन पोर्टलों” ने दावा किया था. विश्वविद्यालय ने इन दावों को “भ्रामक” बताया.
AIU निलंबन पर पूछे जाने पर मित्तल ने दिप्रिंट को बताया कि एसोसिएशन भारत की लगभग 1,100 यूनिवर्सिटीज़ को मान्यता देती है.
उन्होंने कहा, “समानता प्रमाणपत्र के अलावा, सदस्यों को व्यापक नेटवर्किंग, परामर्श और हमारे वाइस चांसलर्स कॉन्फ्रेंस में भाग लेने का अवसर मिलता है.”
AIU के अलावा, राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) ने भी इस हफ्ते विश्वविद्यालय को एक शो-कॉज़ नोटिस जारी किया है. आरोप है कि विश्वविद्यालय ने अपनी वेबसाइट पर गलत मान्यता दिखाई थी. परिषद ने इस दावे को “भ्रामक” और अपने नियमों के खिलाफ बताया है.
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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