नई दिल्ली: पटना में बारिश रुके लगभग एक सप्ताह से अधिक समय बीत चुका है लेकिन शहर के अंदर भारी बारिश से जमा हुआ पानी सड़ने लगा है. जिससे महामारी फैलने का खतरा बढ़ गया है. इस सबके बीच भारी बारिश से बिहार की राजधानी पटना की साफ-सफाई और ड्रेनेज सिस्टम की पोल खोल कर रख दी.
पहले लगातार बारिश की वजह से शहर में बाढ़ की स्थिति बनी रही उसके बाद पानी की निकासी का मुकम्मल इंतजाम न हो पाने की वजह से यहां के लोग अपने घरों में बंद रहे. इस जल-जमाव की वजह से पक्ष-विपक्ष दोनों ही लोगों की मदद के मामले में धाराशायी दिखे. एक वायरल वीडियो से पता चला कि लोगों की मदद के लिए जो खाने के पैकेट गिराए जा रहे थे वो सड़े पानी में गिर रहे थे.
पानी में फंसे राजधानी के लोगों के लिए राहत की सांस बन कर उनकी छत पर आया ड्रोन. ड्रोन की मदद से सेंट करेंस स्कूल और पटना यूनिवर्सिटी के कुछ छात्रों और उद्यमियों ने खाने के पैकेटों को सीधा लोगों की छत पर गिराने का काम किया.
बाजार समिति जहां जाने से घबराए लोग
पटना यूनिवर्सिटी में पत्रकारिता की पढ़ाई कर रहे ओसामा ख़ुर्शीद ने बताया, ‘बारिश के खत्म होने के बाद जहां पटना के कुछ इलाकों में पानी घटने भी लगा था लेकिन यहां के बाज़ार समिति इलाके में तीन से पांच फीट पानी लगा हुआ था. बारिश रुकने के बाद निकासी नहीं होने की वजह से पानी सड़ने लगा. समाजसेवी भी इस इलाके में जाने से कतराने लगे.’ जब इलाके के लोग बाहर नहीं जा पा रहे थे तो ओसामा ने साथियों संग मिलकर ड्रोन के जरिए लोगों की छतों पर खाने के पैकेट गिराने का काम किया.
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खाने के पैकेटों को गिराने के लिए इलाके के राम रतन हॉस्पिटल की छत को ठिकाना बनाया गया क्योंकि ये इलाके की सबसे ऊंची बिल्डिंग है. जब एक-दो छतों पर पैकेट गिराए जाते तो इलाके के लोग ख़ुद ही छत पर आने लगते.
पटना के सेंट करेंस सेकेंड्री स्कूल पटना में पढ़ने वाले उद्भव को नहीं पता था कि ड्रोन्स में उनकी दिलचस्पी एक दिन राजधानी को लोगों के लिए इस कदर मददगार साबित होगी. उद्भव बी-टेक पास उद्यमियों से जुड़े हुए हैं जो पटना में ड्रोन का स्टार्टअप चलाते हैं. उद्भव ने बताया कि इनके पास जो ड्रोन्स हैं वो आधा किलो से लेकर 15 किलो तक का पेलोड उठा सकते हैं.
शहर के लोगों की मदद के लिए ऐसे ही पांच ड्रोन्स का इस्तेमाल किया गया.
कुम्हरार विधानसभा में आने वाली बाज़ार समिति के विधायक अरुण सिन्हा ने बताया, ‘छात्रों ने मुझसे मिलकर विधानसभा क्षेत्र के रामपुर और सैदपुर में ड्रोन के जरिए मदद पहुंचाने की जानकारी दी है.’ उनके लिए ये बिल्कुल नया है क्योंकि उन्होंने ड्रोन के जरिए तस्वीरें लिए जाने से लेकर हमला किए जाने की बातें तो मीडिया और सिनेमा के जरिए देखी-पढ़ी है, लेकिन खाने का पैकेट पहुंचाए जाने जैसी बात उन्हें पहली बार पता चली है.
क्वॉड-नेशन ड्रोन नाम के जिस स्टार्टअप से उद्भव जुड़े हैं उसके फाउंडर विकास पटेल हैं. विकास ने कहा, ‘हमारे स्टार्टअप ने 15,000 से पांच लाख़ तक के ड्रोन विकसित किए हैं हम लोगों की ज़रूरत के हिसाब से ड्रोन बनाने का काम करते हैं. दानापुर रेल डिविजन को भी हमने एक ड्रोन दिया है जिसे वो अपनी तमाम ज़रूरतों में इस्तेमाल करते हैं.’
पार्षद बोले नहीं हुआ सीवर और ड्रेनेज पर कोई काम
बाज़ार समिति के बार्ड नंबर 48 के निगम पार्षद इंद्रदीप चंद्रवंशी ने कहा कि उनकी जानकारी में बीते समय में पटना में ड्रेनेज और सीवर पर कोई काम नहीं हुआ जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ा. उन्होंने कहा, ‘छात्रों ने मेरे इलाके में समाजसेवा के लिए ड्रोन का जो इस्तेमाल किया है उसकी जितनी तारीफ की जाए कम है.’
छात्रों का दावा ये भी है कि पैदल, ट्रैकटर और ड्रोन के जरिए इन लोगों ने कम से कम 1500-1600 लोगों की मदद की.