scorecardresearch
Thursday, 9 May, 2024
होमदेशपटना में बारिश से जलजमाव में 'खलनायक' बनी सरकार, 'नायक' बने पप्पू यादव

पटना में बारिश से जलजमाव में ‘खलनायक’ बनी सरकार, ‘नायक’ बने पप्पू यादव

दिप्रिंट से बातचीत में पप्पू यादव ने कहा, 'सुशील मोदी 15 साल विपक्ष में रहे और 15 साल सत्ता में बावजूद इसके उनका मोहल्ला डूब गया.

Text Size:

नई दिल्ली: बिहार की राजधानी पटना में सितंबर में भारी बारिश के कारण हुए जलजमाव ने किसी को नहीं बख्शा. बेबसी का आलम ऐसा था कि राज्य के डिप्टी सीएम सुशील मोदी तक को परिवार समेत रेस्क्यू करना पड़ा. हवाई सर्वेक्षण करते नीतिश कुमार और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव से मदद की आस लगाए जनता के बीच ट्रैक्टर पर राहत सामग्री लादे पप्पू यादव पहुंचे. उनके काम की सोशल मीडिया पर जमकर तारीफ हो रही है.

दिप्रिंट से हुई बातचीत में पप्पू यादव ने कहा कि इन नेताओं ने लोगों को मार दिया. उन्होंने कहा, ‘सुशील मोदी 15 साल विपक्ष में रहे और 15 साल सत्ता में. 30 साल उनके रहने के बावजूद उनका मोहल्ला डूब गया. वहां बिजली, पानी, खाना और दूध कुछ भी नहीं है.’

आपको बता दें कि डिप्टी सीएम सुशील मोदी को नेशनल एंड स्टेट डिज़ास्टर रेस्पॉन्स फोर्स द्वारा उनके राजेंद्र नगर स्थित आवास से बचाकर निकाले जाने की तस्वीरें और वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल होने पर उनकी जमकर किरकिरी हुई. एक हफ्ते पहले ये सब तब सामने आया जब पटना में बारिश के पानी से हाहाकार मचा हुआ था.

इसी से जुड़ी एक वायरल वीडियो का हवाला देते हुए पप्पू ने कहा कि जब सुशील मोदी को परिवार समेत बचाया जा रहा था तो एक बच्चा लगातार रो रहा था, वो गुहार लगा रहा था, ‘अंकल मुझे निकाल दो. मैं मर जाउंगा अंकल!’ लेकिन डिप्टी सीएम जनता को ऐसी स्थिति में छोड़कर परिवार समेत निकल गए, उन्होंने मदद मांग रहे लोगों की तरफ देखा तक नहीं.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें


यह भी पढ़ें : पटना में बारिश और बाढ़ ने ली कई जानें, वायुसेना से मांगी गई मदद


राजधानी की राजनीति पर टिप्पणी करते हुए पूर्व सांसद ने कहा कि पटना पैसे वालों और बुद्धिजीवी का गढ़ है. पटना में राजपूत, भूमिहार, लाला और वैश्य जाति के लोग ज्यादा हैं. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) चाहे इनकी ज़िंदगी बर्बाद करे दे, ये उनका वोट बैंक बने रहते हैं.

विपक्ष पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा, ‘विपक्ष ये सोचकर कुछ नहीं करता कि ये भाजपा के वोटर हैं, उनका क्या जाता है.’ वो बताते हैं कि इसी सियासत के चक्कर में सिर्फ राज्य की राजधानी ही नहीं, बल्कि पूरा राज्य बर्बाद हो गया और पटना में पनपी बाढ़ की स्थिति पर तो फिर भी बवाल है. लेकिन, राज्य के अन्य हिस्सों में हर साल आने वाली बाढ़ की स्थिति की कोई सुध नहीं लेता.

जून के महीने में बिहार के मुजफ्फरपुर और इसके आस-पास के इलाकों में चमकी बुख़ार ने कहर ढहाया था, इसके बाद आई बाढ़ ने भी राज्य में तबाही मचाई. इन सब पर सरकार को ज़िम्मेदार ठहराते हुए यादव ने कहा, ‘जब चमकी बुख़ार आया तो कहा कि गर्मी के कारण ऐसा हुआ, बाढ़ आई तो नेपाल के माथे ठीकरा फोड़ दिया. जैसे इनकी कोई ज़िम्मेदारी ही नहीं.’

जब उनसे पूछा गया कि वो लोगों की मदद के लिए पैसे कहां से ला रहे हैं तो उन्होंने कहा कि पहले तो उन्होंने अपनी मां का 22 कट्ठा ज़मीन बेचकर पैसे जुटाए. इसके बाद उन्हें आम लोगों से मदद मिलने लगी जिसकी वजह से उनके अकाउंट में पांच लाख़ से ऊपर की रकम आ गई. यही, नहीं…लोगों ने पीड़ितों तक पहुंचाने के लिए उन्हें चूड़ा, गुड़ और सत्तू जैसी चीज़ें भी दीं और उन्हें कैश में भी 10 लाख़ तक की रकम मिली.


यह भी पढ़ें : पटना में जलजमाव बना मुसीबत, एनडीआरएफ की टीम ने सुशील मोदी को सुरक्षित जगह पहुंचाया


पटना में तैनात नेशनल डिज़ास्टर रेस्पॉन्स फोर्स (एनडीआरएफ) के विजय सिन्हा की मानें तो राजधानी के किसी इलाके में एक फीट से ज़्यादा पानी नहीं रह गया है. हालांकि, स्थानीय लोगों से बातचीत में पता चला कि पानी घट तो रहा है. लेकिन सड़ भी रहा है और इसकी बदबू बर्दाश्त लायक नहीं है. पानी से होने वाली बीमारी से आशंकित इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने अपनी टीम को बिहार भेजा है, जो ऐसी किसी बीमारी को पनपने से रोकने और उससे निपटने का काम करेगी.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्य में अब तक 97 लोगों की मौत हो चुकी है और इस वजह से लोगों में काफी गुस्सा है.

share & View comments