मुंबई, 12 नवंबर (भाषा) महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को अपनी रत्न एवं आभूषण नीति-2025 की घोषणा की, जिसका लक्ष्य अगले पांच साल में इस क्षेत्र में एक लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करना और पांच लाख नए रोजगार के अवसर सृजित करना है।
उद्योग विभाग द्वारा जारी एक सरकारी प्रस्ताव (जीआर) के अनुसार, इस नीति में 2025-30 की अवधि के दौरान अनुमानित 1,651 करोड़ रुपये के वित्तीय प्रोत्साहन और अगले 20 साल (2031-2050) के लिए अतिरिक्त 12,184 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रावधान है, जिससे कुल परिव्यय 13,835 करोड़ रुपये हो जाएगा।
जीआर में कहा गया है कि यह नीति पांच वर्षों के लिए या नई योजना शुरू होने तक वैध है।
आदेश के अनुसार, सरकार ने नीति कार्यान्वयन को एक समर्पित अनिवार्य मद के अंतर्गत चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 100 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया है।
प्रस्ताव में कहा गया है कि महाराष्ट्र का रत्न एवं आभूषण क्षेत्र भारत के कुल सकल मूल्यवर्धन में 18 प्रतिशत का योगदान देता है, जिससे राज्य, देश में रत्न एवं आभूषणों के लिए एक अग्रणी केंद्र के रूप में स्थापित होता है।
नीति का उद्देश्य इस क्षेत्र में राज्य के निर्यात को दोगुना करना और नियामकीय सहायता वित्तीय प्रोत्साहन और औपचारिक बाजारों तक पहुंच के माध्यम से अनौपचारिक व्यवसायों को मान्यता प्राप्त उद्योगों में बदलना है।
जीआर में कहा गया है कि प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में नवी मुंबई के महापे औद्योगिक क्षेत्र में 21 एकड़ में फैला इंडिया ज्वेलरी पार्क मुंबई शामिल है, जिससे 50,000 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश से एक लाख से अधिक रोजगार सृजित होने की उम्मीद है।
मुंबई स्थित भारत डायमंड बोर्स, जो 20 एकड़ में फैला दुनिया का सबसे बड़ा हीरा व्यापार केंद्र है, वर्तमान में लगभग 60,000 लोगों को रोजगार प्रदान करता है।
नीति में समर्पित डिज़ाइन स्टूडियो, प्लग-एंड-प्ले (कामकाज के लिए तैयार) सुविधाएं और डिजिटल व्यापार केंद्र स्थापित करने का भी प्रस्ताव है, जिसमें भारतीय रत्न एवं आभूषण संस्थान और अन्य संस्थानों के साथ साझेदारी में कौशल विकास पर जोर दिया जाएगा।
जीआर के अनुसार, विशेष प्रावधानों में स्टाम्प शुल्क में छूट, पार्कों में स्थित इकाइयों और 100 प्रतिशत निर्यात-उन्मुख इकाइयों के लिए 10 वर्षों के लिए बिजली शुल्क में छूट और तीन वर्षों के लिए एक से दो रुपये प्रति यूनिट तक बिजली शुल्क सब्सिडी शामिल है।
सरकार मूल्य श्रृंखला में पारदर्शिता और पता लगाने की क्षमता सुनिश्चित करने के लिए भारत वेब 3 एसोसिएशन और रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद के साथ साझेदारी में एक ब्लॉकचेन-आधारित उद्योग खाता प्रणाली स्थापित करेगी।
भाष राजेश राजेश अजय
अजय
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