नयी दिल्ली, 12 नवंबर (भाषा) देश में एक साल की सुस्त एकल अंक की वृद्धि के बाद नियुक्ति की मंशा दोहरे अंक में 11 प्रतिशत पर लौट आई है। यह पिछले साल 9.75 प्रतिशत थी जिसे क्षेत्रीय विस्तार से समर्थन मिला है। एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सहयोग से डिजिटल भर्ती मंच ‘टैग्ड’ द्वारा जारी ‘इंडिया डिकोडिंग जॉब्स’ 2026 रिपोर्ट के अनुसार, बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं एवं बीमा (बीएफएसआई), विनिर्माण और बुनियादी ढांचा जैसे क्षेत्र भर्ती की गति को बढ़ाने के लिए तैयार हैं।
टैग्ड के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) देवाशीष शर्मा ने कहा, ‘‘ यह पुनरुत्थान डिजिटल क्रांति, औपचारिकता और क्षेत्रीय विस्तार द्वारा संचालित पुनर्प्राप्ति से पुनर्निमाण की ओर बदलाव को दर्शाता है।’’
रिपोर्ट का यह संस्करण 21 उद्योगों के लगभग 300 से अधिक प्रतिभावान दिग्गजों से प्राप्त अंतर्दृष्टि को एकत्रित करता है तथा भारत की नौकरी एवं प्रतिभा की कहानी का डेटा-समर्थित दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है।
रिपोर्ट के अनुसार, कृत्रिम मेधा (एआई), संगठनों में नियुक्ति के तरीके को बदल रहा है। 60 प्रतिशत भर्तीकर्ता इसका उपयोग ‘रिज्यूमे स्क्रीनिंग’ के लिए और 45 प्रतिशत साक्षात्कार स्वचालन के लिए करते हैं। परिणामस्वरूप एआई-संबंधित कौशल अब भर्ती में उतने ही महत्वपूर्ण हैं जितने कि अन्य उद्योगों में।
इसमें कहा गया कि नियोक्ता डिजिटल एवं डेटा विशेषज्ञों, कृत्रिम मेधा/मशीन लर्निंग इंजीनियर और स्थिरता विशेषज्ञों के साथ-साथ जेनएआई, क्लाउड कंप्यूटिंग व साइबर सुरक्षा जैसी प्रौद्योगिकियों में कुशल उम्मीदवारों की तलाश कर रहे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2026 अनुभवी पेशेवरों का वर्ष बनकर उभरेगा क्योंकि कंपनियां छह से 15 वर्ष के अनुभव वाले मध्यम एवं वरिष्ठ स्तर की प्रतिभाओं को प्राथमिकता दे रही हैं। 2026 में अनुमानित नौकरियों में मझोले शहरों का योगदान 32 प्रतिशत होगा।
इसमे कहा गया कि वित्त वर्ष 2026-27 में महिलाओं की भर्ती 30 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो 2025 के स्तर के अनुरूप है लेकिन 2024 के 36 प्रतिशत से कम है।
भाषा निहारिका अजय
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