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Wednesday, 12 November, 2025
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बेहतर भारत और विश्व के लिए अनुसंधान ही एकमात्र रास्ता : नारायण मूर्ति

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(तस्वीरों के साथ)

बेंगलुरु, 12 नवंबर (भाषा) सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योग के दिग्गज एन. आर. नारायणमूर्ति ने अनुसंधान पर भारत के राष्ट्रीय एवं संस्थागत स्तर पर ध्यान देने की आवश्यकता पर बुधवार को जोर देते हुए कहा कि यह देश व दुनिया को बेहतर स्थान बनाने का एकमात्र रास्ता है।

उन्होंने भारत से एक आकांक्षापूर्ण, योग्यता आधारित एवं प्रतिस्पर्धी अनुसंधान परिवेश बनाने का आह्वान किया जो वैज्ञानिकों, इंजीनियर, अर्थशास्त्रियों, गणितज्ञों और मानवतावादियों को लाभकारी माहौल मुहैया कराए।

‘इन्फोसिस पुरस्कार 2025’ की यहां घोषणा के अवसर पर मूर्ति ने रोमन सम्राट मार्कस ऑरेलियस को उद्धृत किया और कहा कि अनुसंधान ‘‘समझ के विस्तार’’ का प्रतिनिधित्व करता है, जो प्रकृति के रहस्यों को उजागर करने, दूसरों ने जो अभी तक नहीं देखा है उसे देखने एवं मानव जाति के सामने आने वाली समस्याओं के संभवतः असंभव समाधान खोजने की ओर ले जाता है।

उन्होंने कहा, ‘‘ आज हमारे देश के लिए यह आवश्यक है कि हम एक बेहतर भारत और एक बेहतर विश्व के लिए अनुसंधान पर राष्ट्रीय एवं संस्थागत स्तर पर अधिक ध्यान दें।’’

जवाहरलाल नेहरू से लेकर रिचर्ड फेनमैन, एलन ट्यूरिंग, थॉमस अल्वा एडिसन और जेनिफर डूडना के विचारों का हवाला देते हुए मूर्ति ने कहा कि जिज्ञासा, कल्पना और दृढ़ता वैज्ञानिक खोज का आधार हैं।

भाषा निहारिका अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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