नयी दिल्ली, 12 नवंबर (भाषा) वाणिज्य मंत्रालय की इकाई डीजीटीआर ने एक घरेलू विनिर्माता की शिकायत के बाद मुख्य रूप से मोटर वाहन उद्योग में इस्तेमाल होने वाले चीनी रबर के आयात की डंपिंग रोधी जांच शुरू की है।
आवेदक ने आरोप लगाया है कि हेलो आइसोब्यूटेन व आइसोप्रीन रबर की डंपिंग से घरेलू उद्योग प्रभावित हो रहा है।
व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने अधिसूचना में कहा कि आवेदक रिलायंस सिबुर इलास्टोमर्स ने चीन से आयात पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाने का अनुरोध किया है।
इसमें कहा गया, ‘‘ घरेलू उद्योग द्वारा दायर विधिवत प्रमाणित आवेदन के आधार पर तथा प्रस्तुत प्रथम दृष्टया साक्ष्य के आधार पर जो संबद्ध देशों से विचाराधीन उत्पाद की डंपिंग, घरेलू उद्योग को क्षति तथा ऐसी डंपिंग एवं क्षति के बीच कारणात्मक संबंध को प्रमाणित करता है…प्राधिकारी जांच आरंभ करते हैं।’’
यदि यह सिद्ध हो जाता है कि डंपिंग से घरेलू उत्पादक को वास्तविक क्षति हुई है तो डीजीटीआर आयात पर शुल्क लगाने की सिफारिश करेगा।
शुल्क लगाने का अंतिम निर्णय वित्त मंत्रालय लेता है।
प्रतिकार उपाय के रूप में वे जिनेवा स्थित विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की बहुपक्षीय व्यवस्था के तहत ये शुल्क लगाते हैं। इस शुल्क का उद्देश्य निष्पक्ष व्यापार प्रथाओं को सुनिश्चित करना और घरेलू उत्पादकों एवं विदेशी उत्पादकों व निर्यातकों के लिए समान अवसर उपलब्ध कराना है।
भारत और चीन डब्ल्यूटीओ के सदस्य हैं।
भारत ने चीन सहित विभिन्न देशों से सस्ते आयात से निपटने के लिए पहले ही कई उत्पादों पर डंपिंग रोधी शुल्क लगा दिया है।
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