नयी दिल्ली, 11 नवंबर (भाषा) केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को देश भर के प्रत्येक श्रमिक तक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए अंशधारकों के बीच निरंतर सहयोग का आह्वान किया।
राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के श्रम एवं रोजगार और उद्योग मंत्रियों और सचिवों के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए मंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के दृष्टिकोण से प्रेरित होकर, सरकार ने नागरिकों को हर नीति के केंद्र में रखा है।
उन्होंने 3.5 करोड़ नौकरियों के सृजन के लिए लगभग एक लाख करोड़ रुपये के परिव्यय वाली नई शुरू की गई प्रधानमंत्री विकासशील भारत रोजगार योजना (पीएमवीबीआरवाई) के महत्व पर प्रकाश डाला और राज्यों से अधिकतम तालमेल और प्रभाव के लिए अपने रोजगार कार्यक्रमों को इस राष्ट्रीय मिशन के साथ जोड़ने का आग्रह किया।
मांडविया ने अपने उद्घाटन भाषण में कार्यान्वयन और कार्रवाई पर ध्यान केंद्रित करके सम्मेलन की दिशा तय की।
उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन जनवरी, 2025 की बैठक का अनुवर्ती है, जिसका वर्तमान लक्ष्य निर्णयों को जमीनी स्तर पर दृश्यमान परिणामों में बदलना है।
उन्होंने औपचारिकता को सुगम बनाने और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ाने के लिए पीएमवीबीआरवाई की संरचना का विस्तृत विवरण दिया और इसकी सफलता सुनिश्चित करने के लिए राज्यों के सक्रिय सहयोग का आह्वान किया।
मंत्री ने सभी अंशधारकों के बीच निरंतर सहयोग के महत्व पर बल दिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देश भर के प्रत्येक श्रमिक तक पहुंचे।
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री, शोभा करंदलाजे ने समानता और पारदर्शिता पर आधारित शासन मॉडल द्वारा संचालित भारत के विकास की परिवर्तनकारी यात्रा को रेखांकित किया।
उन्होंने 17.1 करोड़ नागरिकों को बहुआयामी गरीबी से बाहर निकालने और 94 करोड़ लोगों तक सामाजिक सुरक्षा कवरेज का विस्तार करने में देश की उपलब्धि पर प्रकाश डाला।
इसके अलावा, उन्होंने सभी राज्यों से सक्रिय रूप से इस पहुंच का नेतृत्व करने, अपने कार्यक्रमों को तालमेल रखने और ई-श्रम तथा राष्ट्रीय करियर सेवाओं (एनसीएस) जैसे डिजिटल मंच का लाभ उठाने का आग्रह किया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि विकसित भारत की ओर देश के अभियान में कोई भी श्रमिक पीछे न छूटे।
केंद्रीय श्रम सचिव वंदना गुरनानी ने अपने उद्घाटन भाषण में इस बात पर ज़ोर दिया कि श्रम एवं रोज़गार पर राष्ट्रीय सम्मेलन राष्ट्रीय साझेदारी बनाने और चर्चा को ठोस कार्रवाई में बदलने के लिए एक महत्वपूर्ण संवाद के रूप में कार्य करता है।
महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री विकासशील भारत रोज़गार योजना (पीएमवीबीआरवाई) पर प्रकाश डालते हुए, सचिव (श्रम एवं रोजगार) ने राज्यों से इस योजना के संचालन और राष्ट्रीय श्रम एवं रोज़गार नीति के मसौदे तथा निजी नियोजन एजेंसी विधेयक पर चर्चा के लिए नवीन विचारों को साझा करने का आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि विकसित भारत के वादे को साकार करने के लिए मज़बूत कार्यान्वयन महत्वपूर्ण है।
सम्मेलन में महत्वपूर्ण एजेंडों पर प्रस्तुतियां भी दी गईं।
भाषा राजेश राजेश अजय
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