भुवनेश्वर, नौ नवंबर (भाषा)भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने ओडिशा के पुरी जिले में स्थित कोणार्क सूर्य मंदिर के ‘नट मंडप’ में पर्यटकों के प्रवेश पर रोक लगा दी है।
एएसआई द्वारा शनिवार को जारी निर्देश के अनुसार, पर्यटकों को अब 13वीं शताब्दी के मंदिर के ‘नट मंडप’ पर प्रवेश करने या पत्थर की नक्काशीदार कलाकृतियों को छूने की अनुमति नहीं होगी।
आदेश को लागू करने के लिए सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है।
एएसआई के अधीक्षक पुरातत्वविद् डी बी गडनायक ने इस कदम को उचित ठहराते हुए कहा कि सेल्फी और तस्वीरें लेते समय पर्यटकों की लापरवाही के कारण नट मंडप से गिरने और गंभीर रूप से घायल होने की घटनाएं हुई हैं।
उन्होंने कहा कि इसी तरह, कुछ पर्यटक स्मारक को छूते और खरोंचते भी देखे गए। इसलिए, स्मारक के संरक्षण और पर्यटकों की सुरक्षा के लिए, नट मंडप में लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।
यह मंदिर प्रतिदिन भारत के विभिन्न भागों से हजारों पर्यटकों और विदेशियों को आकर्षित करता है।
कोणार्क सूर्य मंदिर का निर्माण पूर्वी गंग वंश के राजा नरसिंह देव प्रथम ने लगभग सन् 1250 में करवाया था। सूर्यदेव को समर्पित यह मंदिर कलिंग वास्तुकला और कलात्मक उत्कृष्टता का उदाहरण है। यह मंदिर 100 फुट (30 मीटर) ऊंचे रथ जैसा दिखता है जिसके विशाल पहिये और घोड़े पत्थर से तराशे गए हैं।
कोणार्क सूर्य मंदिर को 1984 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था।
भाषा धीरज नरेश
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