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Sunday, 9 November, 2025
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सत्य साईं बाबा की परियोजनाएं आज भी मानवता की सेवा में जुटी हैं

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(फाइल फोटो के साथ)

पुट्टपर्थी (आंध्र प्रदेश), नौ नवंबर (भाषा) मां ईश्वरम्मा ने अपने पुत्र सत्य साईं बाबा से तीन इच्छाएं जताई थीं और उनकी इन्हीं इच्छाओं का परिणाम है कि आज शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और समाज सेवा के क्षेत्र में विशाल धर्मार्थ परियोजनाओं का निर्माण हुआ। भले ही सत्य साईं बाबा इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनके द्वारा शुरू की गईं ये परियोजनाएं आज भी मानवता की सेवा कर रही हैं।

ये अग्रणी परियोजनाएं निःशुल्क प्राथमिक स्वास्थ्य से लेकर उच्चतर स्वास्थ्य देखभाल अस्पताल, प्राथमिक शिक्षा से लेकर डॉक्टरेट अनुसंधान तक की निःशुल्क शिक्षा, दूरदराज के गांवों में निःशुल्क पेयजल आपूर्ति सेवा उपलब्ध कराती हैं। इन परियोजनाओं ने साईं बाबा और आंध्र प्रदेश के इस छोटे से गांव पुट्टपर्थी का नाम दुनिया भर में रोशन किया है।

पिछले लगभग 50 वर्षों में ये परियोजनाएं श्री सत्य साईं उच्च शिक्षा संस्थान और संबद्ध शैक्षणिक संस्थानों, श्री सत्य साईं उच्च चिकित्सा विज्ञान संस्थान और संबद्ध स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों और श्री सत्य साईं पेयजल आपूर्ति परियोजनाओं के रूप में अत्याधुनिक और विश्व स्तरीय संस्थानों में परिवर्तित हो गई हैं।

ये संस्थान सत्य साईं बाबा के जन्म शताब्दी समारोह के दौरान मानवता की सेवा में स्वयं को पुनः समर्पित करने के लिए तैयार हैं।

बाबा की विरासत से जुड़ी परियोजनाओं को श्री सत्य साईं सेंट्रल ट्रस्ट द्वारा आगे बढ़ाया जा रहा है।

ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी आर जे रत्नाकर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘सभी कार्य बिल्कुल उसी तरह जारी हैं जैसा कि उन्होंने हमें निर्देश दिया था। उनके निर्देशानुसार ही हम बाबा के सभी भक्तों और अनुयायियों के सहयोग से शिक्षा, चिकित्सा और सामाजिक सेवाओं को आगे बढ़ा रहे हैं।’’

हाल में मुफ्त रोबोटिक हृदय शल्य चिकित्सा की शुरुआत को इसी उन्नयन प्रक्रिया का हिस्सा बताया जा रहा है।

श्री सत्य साईं उच्च चिकित्सा विज्ञान संस्थान के संयुक्त निदेशक और हृदय शल्य चिकित्सा विभाग के प्रमुख डॉ. अनिल कुमार मूलपुर ने कहा कि पुट्टपर्थी और बेंगलुरु के व्हाइटफील्ड स्थित अस्पताल में पिछले 25 वर्षों से यह सेवा दी जा रही है और यह उपचार जाति, रंग, पंथ, राष्ट्रीयता या धर्म के आधार पर नहीं बल्कि मुफ्त है।

उन्होंने दावा किया कि पुट्टपर्थी का अस्पताल दुनिया का पहला ऐसा अस्पताल है जहां मुफ्त रोबोटिक हृदय शल्य चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध है।

रत्नाकर ने बताया कि दान के साथ-साथ ट्रस्ट ने बाबा के निःशुल्क कार्यक्रमों और सेवा कार्यों के लिए धन जुटाने के उद्देश्य से एक कोष भी बनाया है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास कुछ हजार करोड़ रुपये का कोष है, जिस पर ब्याज मिलता है।’’

भाषा सुरभि नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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