नयी दिल्ली, छह नवंबर (भाषा) भारत और दक्षिण अमेरिकी देश पेरू के बीच अगले दौर की वार्ता अगले साल जनवरी में राष्ट्रीय राजधानी में हो सकती है। वाणिज्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
पेरू के साथ नौवें दौर की वार्ता पांच नवंबर को लीमा में संपन्न हुई। पेरू महत्वपूर्ण खनिजों का एक प्रमुख उत्पादक है जो इलेक्ट्रॉनिक, मोटर वाहन और सौर ऊर्जा क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण कच्चा माल है।
मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘ चर्चा में प्रस्तावित समझौते के प्रमुख अध्यायों पर ठोस प्रगति देखी गई जिसमें वस्तुओं एवं सेवाओं का व्यापार, उत्पत्ति के नियम, व्यापार में तकनीकी बाधाएं, सीमा शुल्क प्रक्रियाएं, विवाद निपटान और महत्वपूर्ण खनिज शामिल हैं।’’
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व वाणिज्य विभाग में संयुक्त सचिव एवं समझौते के मुख्य वार्ताकार विमल आनंद कर रहे हैं।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘ दोनों पक्ष जनवरी, 2026 में नयी दिल्ली में प्रस्तावित अगले दौर की वार्ता से पहले लंबित मुद्दों के समाधान के लिए अंतर-सत्रीय बैठकें आयोजित करने पर सहमत हुए।’’
इस बीच, भारत और चिली ने 27-30 अक्टूबर को सैंटियागो में व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) के लिए तीसरे दौर की वार्ता भी पूरी कर ली है।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘ पेरू और चिली के साथ भारत का बढ़ता व्यापारिक संबंध, पारस्परिक रूप से लाभकारी एवं व्यापक आर्थिक सहयोग ढांचे के माध्यम से लातिनी अमेरिकी क्षेत्र के साथ मजबूत साझेदारी बनाने पर उसके रणनीतिक रूप से ध्यान देने की बात को दर्शाता है।’’
भारत और चिली ने 2006 में एक तरजीही व्यापार समझौता (पीटीए) लागू किया था और अब वे एक व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते के लिए इसके दायरे को बढ़ाने के लिए बातचीत कर रहे हैं।
दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार मामूली है। 2024-25 में चिली को भारत का निर्यात 2.46 प्रतिशत घटकर मात्र 1.15 अरब अमेरिकी डॉलर रह गया। हालांकि, आयात 72 प्रतिशत बढ़कर 2.60 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया।
चिली को भारत का सबसे बड़ा निर्यात मोटर वाहन और औषधि है। चिली से सबसे बड़ा आयात लगभग 1.58 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य के खनिज हैं। चिली से आयातित अन्य उत्पादों में तांबा और रसायन शामिल हैं।
चिली, एलएसी (लातिनी अमेरिकी देशों) क्षेत्र में भारत का पांचवां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।
दूसरी ओर, पेरू लातिनी अमेरिकी और कैरिबियाई क्षेत्रों में भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बनकर उभरा है।
पेरू को भारत का निर्यात 2024-25 में करीब नौ प्रतिशत बढ़कर एक अरब अमेरिकी डॉलर हो गया, जबकि आयात 60 प्रतिशत बढ़कर 4.98 अरब अमेरिकी डॉलर रहा।
भाषा निहारिका अजय
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