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Thursday, 6 November, 2025
होमखेलजो लोग मुझ पर और मेरे परिवार पर ताना कसते थे, वही आज प्रशंसा कर रहे हैं: क्रांति

जो लोग मुझ पर और मेरे परिवार पर ताना कसते थे, वही आज प्रशंसा कर रहे हैं: क्रांति

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नयी दिल्ली, छह नवंबर (भाषा) मध्य प्रदेश के घुवारा गांव की रहने वाली भारतीय तेज गेंदबाज क्रांति गौड़ ने खुलासा करते हुए कहा कि एक समय उन्हें यह भी पता नहीं था कि भारत की महिला क्रिकेट टीम भी है।

इस 22 वर्षीय खिलाड़ी ने हाल में समाप्त हुए महिला वनडे विश्व कप में में 18.55 की औसत से नौ विकेट लिए जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ मैच में तीन विकेट लेना भी शामिल था। भारत ने फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को 52 रन से हराकर पहली बार विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया ।

गौड़ ने गुरुवार को यहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात से ठीक पहले पीटीआई वीडियो से कहा, ‘‘मुझे तो यह भी नहीं पता था कि महिला क्रिकेट टीम भी है। यहीं से क्रिकेट में मेरा सफर शुरू हुआ था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे बहुत गर्व महसूस हो रहा है क्योंकि यह मेरा पहला विश्व कप था और अब हम विश्व चैंपियन हैं। यह मेरे, मेरे परिवार और पूरे देश के लिए गर्व की बात है।‘‘

क्रांति की कहानी स्टेडियम की दूधिया रोशनी और कैमरों से कहीं दूर शुरू हुई। वह ज़्यादातर दूर से ही कुछ लड़कों को खेलते हुए देखती थी और जब भी गेंद उसके दरवाज़े पर आती, तो वह उसे वापस फेंक देती थी।

एक दिन अचानक उन्हें तब अंतिम एकादश में जगह मिल गई, जब लड़कों को एक खिलाड़ी की जरूरत थी।

क्रांति ने कहा, ‘‘जब मैंने उनके साथ खेलना शुरू किया, तो वे मुझे सिर्फ़ एक क्षेत्ररक्षक के तौर पर खिलाते थे, लेकिन धीरे-धीरे मैंने भी खेलना सीख लिया। मुझे तो यह भी पता नहीं था स्पिन गेंदबाज़ी नाम की भी कोई चीज भी होती है। इसलिए मैंने लड़कों को देखकर तेज़ गेंदबाज़ी शुरू कर दी।’’

उन्होंने राजीव बिल्थरे का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘तब मैंने एक लेदर बॉल टूर्नामेंट खेला और राजीव सर से मिली।‘‘

राजीव बिल्थरे छतरपुर जिला क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव भी थे और उन्हें क्रांति की गेंद की रफ्तार काफी प्रभावशाली लगी थी।

उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या मैं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट भी खेलना चाहती हूं। मुझे नहीं पता था कि लड़कियों की अंतरराष्ट्रीय टीम भी है और फिर वह मुझे अपनी अकादमी में ले गए। छह महीने के भीतर मैं सीनियर डिवीज़न में खेली और एक साल के भीतर मैंने वडोदरा में राज्य की घरेलू अंडर-19 टीम में पदार्पण किया।‘‘

क्रांति ने कहा, ‘‘मैं एक छोटे से गांव से हूं, इसलिए वहां लड़कियों को खेलने की इजाजत नहीं थी। मेरे परिवार से कहा जाता था कि तुम उसे लड़कों के साथ क्यों खेलने देते हो। तब मैंने सोचा कि एक दिन मैं अपने प्रदर्शन पर सबको तालियां बजाने पर मजबूर कर दूंगी।‘‘

उन्होंने कहा, ‘‘और जो लोग मुझे और मेरे परिवार को ताना मारते थे, वे अब हमारी सराहना कर रहे हैं। अब महिला टीम भी बेहतर हो रही है और विश्व कप जीतने के बाद यह बहुत आगे जाएगी।‘‘

इस युवा तेज गेंदबाज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी मुलाकात की एक विशेष याद भी साझा की।

क्रांति ने कहा,‘‘मैंने उनसे कहा कि मेरा भाई आपका बहुत बड़ा प्रशंसक है। प्रधानमंत्री मुस्कुराए और बोले कि मैं जल्द ही आपके भाई से जरूर मिलूंगा।’’

भाषा

पंत सुधीर

सुधीर

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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