मुंबई, तीन नवंबर (भाषा) जैन मुनि नीलेशचंद्र विजय ने दादर कबूतरखाने को बंद करने के नगर निगम के निर्णय के खिलाफ सोमवार को मुंबई के आजाद मैदान में विरोध प्रदर्शन शुरू किया। समुदाय के सदस्य कबूतरों को दाना डालने के लिए पारंपरिक रूप से दादर कबूतरखाने का इस्तेमाल करते रहे हैं।
मुनि ने बीएमसी मुख्यालय के पास विरोध प्रदर्शन शुरू करने से पहले पत्रकारों से कहा कि वह कबूतरखाने की पुनर्स्थापना की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन अनशन करने वाले हैं।
बीएमसी ने हाल ही में चार स्थानों वर्ली रिजर्वॉयर, अंधेरी पश्चिम में लोखंडवाला बैक रोड के मैंग्रोव क्षेत्र, ऐरोली-मुलुंड चेकपोस्ट क्षेत्र और बोरिवली वेस्ट के गोरेई मैदान पर सीमित तरीके से कबूतरों को दाना डालने की अनुमति दी है।
बीएमसी के अनुसार, इन स्थलों पर सुबह सात से नौ बजे तक ही दाना डाला जा सकता है और गैर-सरकारी संगठन इसकी देखरेख करेंगे।
नगर निगम ने स्पष्ट किया है कि यह अस्थायी प्रबंध है और विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट तथा अदालत से आदेश मिलने तक बंद कबूतरखानों को फिर से नहीं खोला जाएगा।
नीलेशचंद्र विजय ने कहा, “बीएमसी की ओर से निर्धारित वैकल्पिक स्थल 4, 5 और 9 किलोमीटर दूर हैं। क्या कबूतर इतनी दूरी तय कर पाएंगे? प्रशासन को मौजूदा कबूतरखाने से दो किलोमीटर के अंदर कोई स्थल देना चाहिए था।”
मुनि ने कहा, “यदि (मराठा आरक्षण कार्यकर्ता) मनोज जरांगे अपने समुदाय के हित के लिए आजाद मैदान में आंदोलन कर सकते हैं, तो मैं सभी जानवरों के कल्याण के लिए क्यों नहीं अनशन कर सकता?”
उन्होंने यह भी कहा कि यदि उनसे यह जगह छोड़ने के लिए कहा गया, तो वे दादर कबूतरखाने पर ही अनशन पर बैठ जाएंगे।
भाषा जोहेब मनीषा
मनीषा
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