(गुरदीप सिंह)
सिंगापुर, 31 अक्टूबर (भाषा) कीमती धातुओं के परिशोधन एवं विनिर्माण क्षेत्र की अग्रणी कंपनी हिंदुस्तान प्लेटिनम पश्चिम एशिया, एशिया और यूरोप के तेल शोधन संयंत्रों से ‘स्पेंट कैटेलिस्ट’ यानी उपयोग के बाद बचे उत्प्रेरक आयात करने की संभावनाएं तलाश रही है ताकि भारतीय उद्योगों के लिए आवश्यक धातुओं की दीर्घकालिक आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।
कंपनी के परिशोधन सेवा विभाग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजीव मिश्रा ने बताया कि उपयोग किए जा चुके उत्प्रेरकों का आयात देश में औद्योगिक विकास के साथ बढ़ती कीमती धातुओं की मांग को पूरा करने में सहायक होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘ हम नवंबर में फ्रांस के केन्स में होने वाले ‘यूरोपीय रिफाइनिंग टेक्नोलॉजी सम्मेलन’ के दौरान बेल्जियम, जर्मनी, इटली और पोलैंड समेत कई देशों के शोधनकर्ताओं से इन उत्प्रेरकों की खरीद को लेकर बातचीत करेंगे।’’
यह सम्मेलन 17 से 20 नवंबर तक आयोजित होगा।
मिश्रा ने बताया कि कंपनी एक वैश्विक आपूर्तिकर्ता तंत्र विकसित कर रही है ताकि इन ‘स्पेंट कैटेलिस्ट’ से प्लेटिनम, पैलेडियम, चांदी और अन्य बहुमूल्य धातुएं निकालकर उन्हें इलेक्ट्रॉनिक, विद्युत, वस्त्र, रेशा, कांच, नाइट्रिक अम्ल एवं आभूषण उद्योगों को उपलब्ध कराया जा सके।
उन्होंने बताया कि ‘सिंगापुर इंटरनेशनल एनर्जी वीक’ (27 से 31 अक्टूबर) के दौरान कंपनी ने सिंगापुर, मलेशिया, इंडोनेशिया और थाईलैंड के तेल शोधन संयंत्रों के साथ भी संभावित आपूर्ति पर चर्चा की।
अब तक कंपनी के प्रमुख आपूर्तिकर्ता भारत तथा सऊदी अरब, कुवैत, कतर, ओमान और संयुक्त अरब अमीरात के शोधन संयंत्र रहे हैं।
मिश्रा ने कहा कि कंपनी अब नवीकरणीय ऊर्जा खासकर सौर ऊर्जा क्षेत्र में भी प्रवेश कर रही है। इसके लिए संयंत्र संबंधी ढांचा तैयार करने का काम प्रगति पर है।
उन्होंने बताया कि प्लेटिनम, पैलेडियम और चांदी के उत्पादन की क्षमता बढ़ाई जा रही है और उत्पादन प्रक्रियाएं लगातार जारी हैं। कंपनी अगले वर्ष जून में अमेरिका में होने वाले ‘इंटरनेशनल प्रेशियस मेटल इंस्टीट्यूट सम्मेलन’ में अमेरिकी परिशोधन कंपनियों से भी आपूर्ति समझौते करने पर विचार करेगी।
हिंदुस्तान प्लेटिनम की स्थापना 1961 में की गई। यह वर्तमान में 50 से अधिक देशों में उद्योगों के लिए प्लेटिनम, पैलेडियम, चांदी, सोना, रोडियम, रूथेनियम और इरिडियम जैसी धातुओं का परिशोधन करती है।
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