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Thursday, 30 October, 2025
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पिनाराई सरकार का चुनावी कदम — पेंशन और आशा मानदेय में बढ़ोतरी और नई योजनाओं की घोषणा की

एलडीएफ की नज़र 2026 के विधानसभा चुनावों में हैट्रिक जीत पर है, साथ ही केरल में दिसंबर में स्थानीय निकाय चुनाव भी होने वाले हैं. नए कदमों के लिए सरकार 10,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी.

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तिरुवनंतपुरम: स्थानीय निकाय चुनावों में अब सिर्फ एक महीने से थोड़ा ज़्यादा समय बचा है और विधानसभा चुनावों में कुछ महीने बाकी हैं. ऐसे में केरल सरकार ने बुधवार को 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की योजनाओं और पुराने कार्यक्रमों के उन्नयन की घोषणा की.

इन घोषणाओं में मासिक कल्याण पेंशन में 2,000 रुपये की बढ़ोतरी और आशा कार्यकर्ताओं के मानदेय में 1,000 रुपये की वृद्धि शामिल है. वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए भी एक योजना शुरू की है, जिसके तहत हर महीने 1,000 रुपये दिए जाएंगे.

मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि सरकार अपने लोगों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा राज्य पर वित्तीय प्रतिबंध लगाने के बावजूद केरल ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं, जिनमें अत्यधिक गरीबी से मुक्त होना भी शामिल है.

उन्होंने कहा, “2016 के चुनाव में जीतने के बाद सत्ता में आई सरकार 2021 में जनता के मजबूत समर्थन के कारण सत्ता में बनी रही. 2021 के परिणामों ने यह दर्शाया कि जनता ने पिछले पांच वर्षों में किए गए विकास और कल्याण कार्यों को और अधिक गति से जारी रखने की मंजूरी दी.”

2021 में पिनराई विजयन के नेतृत्व वाले एलडीएफ ने विधानसभा की कुल 140 सीटों में से 99 सीटें जीतकर सत्ता बरकरार रखी थी. अगले साल अप्रैल में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले एलडीएफ तीसरी बार जीत की उम्मीद कर रहा है. इस साल दिसंबर में स्थानीय निकाय चुनाव भी होंगे.

1 नवंबर को, राज्य स्थापना दिवस पर, पिनराई सरकार केरल को अत्यधिक गरीबी से मुक्त पहला राज्य घोषित करने जा रही है.

बुधवार को घोषित मंत्रिमंडल के फैसलों के तहत राज्य सरकार अब मासिक सामाजिक सुरक्षा पेंशन को बढ़ाकर 2,000 रुपये कर देगी. फिलहाल सरकार 1,600 रुपये देती है, जिससे करीब 62 लाख लोग लाभान्वित होते हैं, जिनमें बुजुर्ग, विधवाएं और खेतिहर मज़दूर शामिल हैं. 2016 में यह पेंशन 600 रुपये थी, जिसे वामपंथी सरकार ने धीरे-धीरे बढ़ाया.

एक और अहम घोषणा आशा कार्यकर्ताओं के मानदेय में बढ़ोतरी से जुड़ी है. ये कार्यकर्ता फरवरी से विरोध कर रहे हैं. उनकी मांग है कि मासिक मानदेय 21,000 रुपये किया जाए और सेवानिवृत्ति पर 5 लाख रुपये का लाभ दिया जाए. फिलहाल केरल सरकार उन्हें 7,000 रुपये मासिक मानदेय देती है.

घोषणा के बाद प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं ने कहा कि 1,000 रुपये की बढ़ोतरी 260 दिन से अधिक प्रदर्शन करने के बाद मिली है. हालांकि उन्होंने कहा कि वे विरोध जारी रखेंगे क्योंकि सेवानिवृत्ति लाभों का उल्लेख नहीं किया गया है.

प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को कहा, “हम विरोध जारी रखेंगे, लेकिन विरोध के स्वरूप पर जल्द फैसला करेंगे. आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस से यह भी साफ हो गया कि राज्य सरकार जानती है कि मानदेय बढ़ाने की जिम्मेदारी राज्य की है या केंद्र की.”

केरल के वित्त मंत्री के. एन. बालगोपाल ने कहा कि 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय प्रतिबद्धता के बावजूद यह फैसला आत्मविश्वास के साथ लिया गया है. उन्होंने कहा, “पिछले चार वर्षों में हमने राजस्व में वृद्धि देखी है. अगर हमने इसे मार्च के बजट में घोषित किया होता, तो इसे चुनावी कदम कहा जाता. अब यह नवंबर में ही लागू होने जा रहा है.”

हालांकि, विपक्षी कांग्रेस ने कहा कि अगर एलडीएफ को सच में लोगों के कल्याण की परवाह होती तो वह यह कदम पिछले बजट में ही उठा सकता था. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश चेन्निथला ने कहा, “सब जानते हैं कि यह चुनावी चाल है. उन्हें पता है कि उन्हें यह रकम खुद नहीं देनी होगी, अगली सरकार देगी. वरना इसे बजट में ही घोषित कर सकते थे. बजट में तो उन्होंने जनता पर टैक्स लगाया था.”

अन्य बड़ी घोषणाएं

महत्वपूर्ण घोषणाओं में एक नई महिलाओं की सुरक्षा योजना शामिल है, जिसके तहत एएवाई (अंत्योदय अन्न योजना – पीले कार्ड) या पीएचएच (प्राथमिक परिवार – गुलाबी कार्ड) राशन कार्ड धारक परिवारों की महिलाओं को, और 35 से 60 वर्ष की आयु की उन ट्रांस महिलाओं को जो किसी अन्य सामाजिक कल्याण पेंशन की लाभार्थी नहीं हैं, हर महीने 1,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना से कुल 31.34 लाख महिलाओं को लाभ मिलेगा और इस पर सालाना 3,800 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

18 से 30 वर्ष की आयु के युवाओं को ‘कनेक्ट टू वर्क स्कॉलरशिप’ के तहत हर महीने 1,000 रुपये की स्कॉलरशिप दी जाएगी. यह स्कॉलरशिप उन छात्रों के लिए होगी जो कक्षा 12, आईटीआई या स्नातक के बाद कौशल विकास पाठ्यक्रम कर रहे हैं या किसी भर्ती या प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, और जिनके परिवार की मासिक आय 1 लाख रुपये से कम है. सरकार ने इस कार्यक्रम के लिए हर साल 600 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.

सरकार ने कुडुंबश्री की 19,470 एरिया डेवलपमेंट सोसाइटियों में से प्रत्येक को 1,000 रुपये की मासिक संचालन सहायता देने की भी घोषणा की है. 1997 में शुरू किया गया महिलाओं का सशक्तिकरण कार्यक्रम कुडुंबश्री तीन-स्तरीय प्रणाली है, जिसमें नेबरहुड ग्रुप (एनएचजी), एरिया डेवलपमेंट सोसाइटी (एडीएस) और कम्युनिटी डेवलपमेंट सोसाइटी (सीडीएस) शामिल हैं.

इसके अलावा, सरकार ने प्री-प्राइमरी शिक्षिकाओं और आया के मासिक वेतन में 1,000 रुपये और अतिथि व्याख्याताओं के वेतन में 2,000 रुपये की बढ़ोतरी की है.

अन्य घोषणाओं में स्वास्थ्य विभाग के तहत फंड बढ़ाना शामिल है ताकि लेप्रोसी, कैंसर और टीबी जैसी बीमारियों से पीड़ित मरीजों को समय पर आर्थिक सहायता दी जा सके.

सरकार ने सप्लाइको को बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत बकाया राशि चुकाने के लिए 110 करोड़ रुपये मंजूर करने की घोषणा की है. इसके अलावा राज्य सरकार ने लंबित धान खरीद भुगतान करने की भी घोषणा की है. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत खर्च पूरा करने के लिए 194 करोड़ रुपये मंजूर किए जाएंगे.

मुख्यमंत्री विजयन ने कहा, “मैं यह दोहराना चाहता हूं कि पिछले दस वर्षों के अनुभव से यह साबित होता है कि 2016 और 2021 में सरकार बनने पर हमने जो आश्वासन जनता से किए थे, उन्हें पूरा करने में कोई समझौता नहीं किया गया. 2021 में शासन की निरंतरता को चुनकर केरल की जनता ने राज्य को हर संकट के बीच आत्मविश्वास से आगे बढ़ने में सक्षम बनाया. जनता के पूरे सहयोग के साथ, सरकार ‘नवा केरल’ (नया केरल) के निर्माण के लिए अपने दृढ़ प्रयास जारी रखेगी.”

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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