नयी दिल्ली, 28 अक्टूबर (भाषा) दो बार की स्वर्ण पदक विजेता निकहत जरीन ने तीसरा विश्व चैंपियनशिप पदक चूकने की निराशा को पीछे छोड़ दिया है और अब उनका ध्यान आगामी विश्व मुक्केबाजी कप फाइनल में शीर्ष पुरस्कार जीतकर अधिकतम रैंकिंग अंक जुटाने पर है।
यह प्रतियोगिता 14 से 21 नवंबर तक ग्रेटर नोएडा में आयोजित की जाएगी। फ्लाईवेट और लाइट फ्लाईवेट श्रेणियों में प्रतिस्पर्धा करने वाली निकहत ने 2022 में इस्तांबुल और 2023 में नयी दिल्ली में विश्व चैंपियनशिप के स्वर्ण पदक जीते थे।
वह हालांकि 2025 में लिवरपूल में क्वार्टर फाइनल में तुर्की की दो बार की ओलंपिक रजत पदक विजेता बुसे नाज काकिरोग्लू से हार कर पदक जीतने में नाकाम रही।
निकहत ने यहां विश्व मुक्केबाजी कप फाइनल्स के लोगो (प्रतीक चिन्ह) के अनावरण से जुड़े कार्यक्रम के इतर कहा, ‘‘ मैं ये नहीं कहूंगी कि वहां (विश्व चैंपियनशिप) मेरा अभियान निराशाजनक था। एक साल के ब्रेक के बाद वापसी करते हुए दो मुकाबले जीतना वह भी एक मजबूत मुक्केबाज के खिलाफ आसान नहीं होता है। मैं ओलंपिक में दो बार रजत पदक जीतने वाली मुक्केबाज से हारी थीं। मैं उस मुकाबले को हारी थी लेकिन मैंने हार नहीं मानी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मुझमें इतनी ऊर्जा थी कि मैंने तीन-चार महीने से शिविर का हिस्सा रहे मुक्केबाजों को हराकर भारतीय टीम में जगह बनाई। मैं यह नहीं कहना चाहूंगी कि मैं वहां (लिवरपूल) से खाली हाथ आयी थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ आपको कुछ प्रतियोगिताओं को सबक के रूप में लेना चाहिए। पेरिस ओलंपिक के बाद यह मेरी पहली प्रतियोगिता थी, इसलिए यह मेरे लिए एक बड़ी सीख थी।’’
इस 29 साल की मुक्केबाज ने कहा, ‘‘अब मैं विश्व कप फाइनल में भाग लेने के लिए उत्सुक हूं जिसकी मेजबानी भारत कर रहा है। मैं बहुत उत्साहित हूं, हर कोई कड़ी मेहनत और तैयारी कर रहा है। मुझे उम्मीद है कि हम यहां लिवरपूल से बेहतर प्रदर्शन करेंगे।’’
निकहत ने कहा कि कोई भी मुक्केबाज या एथलीट हमेशा अपने चरम पर नहीं रह सकता और उसे खुद को तरोताजा रखने के लिए प्रतियोगिताओं का चयन करना होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा ध्यान अब विश्व कप पर है क्योंकि स्वर्ण पदक विजेता को 300 अंक, रजत पदक विजेता को 150 और कांस्य पदक विजेता को 75 अंक मिलेंगे। मेरी कोशिश अधिक अंक जुटाने की होगी ताकि मुझे अच्छी वरीयता मिल सके।’’
भारत का प्रतिनिधित्व 20 सदस्यीय टीम करेगी जिसमें 10 पुरुष और इतनी ही महिला मुक्केबाज शामिल है।
भारतीय टीम में निकहत (51 किग्रा), मौजूदा विश्व चैंपियन जैस्मीन लम्बोरिया (57 किग्रा), मौजूदा विश्व चैंपियन मीनाक्षी (48 किग्रा), दो बार की एशियाई चैंपियन पूजा रानी (80 किग्रा), पूर्व विश्व चैंपियन स्वीटी बूरा (75 किग्रा) और विश्व चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता नुपुर श्योराण (80 किग्रा से अधिक) शामिल हैं।
पुरुषों के दल में युवा और अनुभवी खिलाड़ियों का एक रोमांचक मिश्रण है, जिसका नेतृत्व हितेश (70 किग्रा) और अविनाश जामवाल (65 किग्रा) कर रहे हैं। ये दोनों मुक्केबाज इस सत्र के विश्व मुक्केबाजी कप के शुरुआती चरणों के पदक विजेता हैं।
भारतीय टीम में पुरुष वर्ग में जदुमणि सिंह (50 किग्रा), पवन बर्तवाल (55 किग्रा), सचिन (60 किग्रा), सुमित (75 किग्रा), लक्ष्य चाहर (80 किग्रा), जुगनू (85 किग्रा), नवीन कुमार (90 किग्रा) और नरेंद्र (90 किग्रा से अधिक) तथा महिला वर्ग में प्रीति (54 किग्रा), परवीन (60 किग्रा), नीरज फोगाट (65 किग्रा) और अरुंधति चौधरी (70 किग्रा) शामिल हैं।
भाषा आनन्द सुधीर
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