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Sunday, 26 October, 2025
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केरल: इडुक्की में भूस्खलन के कारण मकान ढहने से एक व्यक्ति की मौत; पत्नी घायल

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इडुक्की (केरल), 26 अक्टूबर (भाषा) केरल के इडुक्की में आदिमाली के मन्नामकंदम में भूस्खलन के कारण कम से कम आठ मकान ध्वस्त हो गए जिससे 48 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई और उसकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गई। पुलिस ने यह जानकारी दी।

पुलिस ने बताया कि यह भूस्खलन जहां हुआ उसके पास ही राष्ट्रीय राजमार्ग को चौड़ा करने का काम किया जा रहा था।

उसने बताया कि शनिवार रात हुई इस घटना में मारे गए व्यक्ति की पहचान लक्ष्मवीदु उन्नाथी निवासी बीजू के रूप में हुई है।

पुलिस के अनुसार, जिस आवासीय कॉलोनी में यह घटना हुई वहां लगभग 25 मकान थे और भूस्खलन के खतरे के कारण निवासियों को शनिवार को राहत शिविरों में स्थानांतरित कर दिया गया था।

आदिमाली ब्लॉक पंचायत सदस्य कृष्णमूर्ति ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग-85 के चौड़ीकरण के तहत पहाड़ी क्षेत्र से मिट्टी हटाई जा रही थी।

उन्होंने कहा, ‘‘आवासीय कॉलोनी राजमार्ग के नीचे पहाड़ी की ढलान पर स्थित थी। पंचायत अधिकारियों ने भूस्खलन की आशंका के कारण एक नोटिस जारी किया था और 25 परिवारों को शनिवार शाम को आदिमाली स्थानांतरित कर दिया गया था।’’

हालांकि बीजू और उनकी पत्नी संध्या खाना बनाने के लिए देर रात घर लौट आए थे।

उन्होंने कहा, ‘‘जब वे अपने घर के अंदर थे तभी रात करीब साढ़े 10 बजे पहाड़ी से मिट्टी ढहकर घरों पर गिर गई। बीजू और संध्या अंदर फंस गए। भूस्खलन में करीब आठ मकान जमींदोज हो गए।’’

स्थानीय निवासियों ने पुलिस और अग्निशमन एवं बचाव सेवाओं को सूचित किया जिन्होंने बचाव अभियान शुरू किया।

कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘‘मलबे में दोनों लोग फंस गए थे और पांच घंटे जारी रहे अभियान के बाद उन्हें बाहर निकाला गया लेकिन बीजू की मौत हो गई। संध्या को पहले आदिमाली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था और बाद में उसे अलुवा के एक अस्पताल में स्थानांतरित किया गया।

उन्होंने बताया कि संध्या की हालत अब स्थिर है।

निवासियों ने आरोप लगाया कि इस त्रासदी के लिए अवैज्ञानिक तरीके से सड़क का चौड़ीकरण किया जाना जिम्मेदार है।

एक निवासी सुल्फी ने कहा, ‘‘राजमार्ग निर्माण कार्य करने के लिए कोई सुरक्षा कदम उठाए बिना मिट्टी हटाई जा रही है। वे भूस्खलन के खतरे पर विचार किए बिना पहाड़ी ढलानों को साफ कर रहे हैं।’’

स्थानीय निवासी अनस का घर भूस्खलन के कारण पूरी तरह से नष्ट हो गया। उसने कहा कि निवासियों ने पहाड़ी में बड़ी दरारें देखी थीं और पंचायत अधिकारियों को सूचित किया था।

उसने कहा, ‘‘अधिकारियों ने शनिवार सुबह घटनास्थल का निरीक्षण किया था और भूस्खलन के खतरे के कारण हमें मकान खाली करने का नोटिस जारी किया था। हमें आदिमाली सरकारी विद्यालय शिविर में स्थानांतरित कर दिया गया था लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग का काम जारी रहा।’’

पुलिस ने बताया कि दोपहर में पीड़ित का शव परिजन को सौंप दिया गया।

इस बीच भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने एक बयान में कहा कि उसने क्षेत्र में भूस्खलन की संभावना पर प्राधिकारियों के समक्ष एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की है।

एनएचएआई के बयान के अनुसार, 22 अक्टूबर को इडुक्की जिला आपदा प्रबंधन इकाई से प्राप्त सूचना के बाद एनएचएआई ने तुरंत वहां का दौरा किया और भूस्खलन की संभावना की पुष्टि करते हुए एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की।

एनएचएआई के अनुसार, स्थानीय प्रशासन के त्वरित सहयोग से यह सुनिश्चित हुआ कि सभी जोखिमग्रस्त परिवारों को आदिमाली सरकारी स्कूल में अस्थायी राहत शिविर में सुरक्षित रूप से स्थानांतरित कर दिया गया।

एनएचएआई ने कहा, ‘‘एहतियाती उपाय के तौर पर शनिवार सुबह 10 बजे से क्षेत्र में यातायात की आवाजाही भी स्थगित कर दी गई है।’’

एनएचएआई ने यह भी दावा किया कि भूस्खलन के समय कोई निर्माण कार्य प्रगति पर नहीं था।

जल संसाधन मंत्री रोशी ऑगस्टीन, इडुक्की के सांसद डीन कुरियाकोस, जिला कलेक्टर दिनेशन चेरुवत, पुलिस के जिला प्रमुख के. एम. साबू मैथ्यू और जिला योजना समिति के उपाध्यक्ष सी. वी. वर्गीस ने घटनास्थल का दौरा किया।

स्थिति का आकलन करने और पुनर्वास गतिविधियों की योजना बनाने के लिए आदिमाली तालुका अस्पताल में एक आपातकालीन बैठक बुलाई गई। बैठक में प्रभावित क्षेत्र से 44 परिवारों को स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया।

भाषा यासिर नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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